गोरखपुर जिले के 12 हजार वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में पुलिस बुढ़ापे की लाठी बनी है। नया सवेरा योजना के तहत पुलिस घर में अकेले रहने वाले इन बुजुर्गों का ख्याल रख रही है। तीन साल पहले शुरू की गई इस योजना के तहत तीन हजार लोगों को इसी साल में पंजीकरण कराया है।
पुलिस रोज इनका कुशलक्षेम पूछती है। आपात काल में दवाई, सामान या फिर अन्य जरूरत पर पंजीकृत बुजुर्ग मोबाइल से 113 डॉयल करते हैं तो बीट सिपाही के पास संदेश पहुंच जाता है और वह मदद के लिए हाजिर होता है। हाल में 2409 लोगों ने पुलिस से मदद ली है।
गोरखपुर जिले में कई ऐसे दंपती या अकेले रहने वाले बुजुर्ग हैं, जिनके अपनों के पास रुपये तो हैं, लेकिन बाहर काम करने और अन्य वजहों की वजह से देखभाल के लिए समय नहीं है। ऐसे में अपने घरों में अकेले जिंदगी गुजार रहे ये लोग कई तरह से स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं।
कई बार दवाएं या कोई महत्वपूर्ण सामान लाने के लिए परेशान हो जाते हैं। जमीनों पर कब्जे का प्रयास होने की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे लोगों की देखरेख के लिए ही यूपी पुलिस नया सवेरा योजना चला रही है। अब तक जिले के 12 हजार लोगों का नाम, पता व मोबाइल नंबर डॉयल-112 के कंट्रोल रूप में फीड कराया गया है।
योजना के तहत पंजीकरण के लिए डॉयल-112 पर संपर्क कर सकते है। इसके अलावा सवेरा पोर्टल, यूपी कॉप पर भी जाकर पंजीकरण करा सकते है। थाने के बीट सिपाही बुजुर्गों के घर जाकर भी पंजीकरण करते हैं।
ऐसे काम करती है पुलिस थाने की पुलिस घर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का सत्यापन कर उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर डॉयल 112 के कंट्रोल रूम में फीड कराती है। एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह ने बताया कि गश्त के दौरान सुबह-शाम पुलिस पंजीकृत लोगों से संपर्क करती है।
एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह ने कहा कि अकेले रहने वाले बुजुर्ग नया सवेरा योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं। आपात स्थिति में वे 112 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। पुलिस तत्काल मदद के लिए जाएगी। जिले के करीब 12 हजार बुजुर्ग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। इनमें से तीन हजार लोगों ने इसी साल पंजीकरण कराया है।
केस एक धर्मशाला निवासी एक बुजुर्ग दंपती के बेटे विदेश में रहते हैं। 9 नवंबर को बुजुर्ग महिला की तबीयत अचानक खराब हो गई। परेशान पति ने पुलिस से संपर्क किया। समय रहते ही पुलिस ने बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया और इलाज कराया गया। इससे उनकी जान बच गई।
केस दो शाहपुर इलाके के एक बुजुर्ग नियमित तौर से शुगर की दवा लेते हैं। अचानक उनकी दवा खत्म हो गई। सुबह वह ध्यान नहीं दे पाए थे, कि रात की खुराक नहीं है। चौका-बर्तन वाली भी जा चुकी थी। उन्होंने तीन दिसंबर को पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने दवा खरीदकर घर पहुंचाया।
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गोरखपुर जिले के 12 हजार वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में पुलिस बुढ़ापे की लाठी बनी है। नया सवेरा योजना के तहत पुलिस घर में अकेले रहने वाले इन बुजुर्गों का ख्याल रख रही है। तीन साल पहले शुरू की गई इस योजना के तहत तीन हजार लोगों को इसी साल में पंजीकरण कराया है।
पुलिस रोज इनका कुशलक्षेम पूछती है। आपात काल में दवाई, सामान या फिर अन्य जरूरत पर पंजीकृत बुजुर्ग मोबाइल से 113 डॉयल करते हैं तो बीट सिपाही के पास संदेश पहुंच जाता है और वह मदद के लिए हाजिर होता है। हाल में 2409 लोगों ने पुलिस से मदद ली है।
गोरखपुर जिले में कई ऐसे दंपती या अकेले रहने वाले बुजुर्ग हैं, जिनके अपनों के पास रुपये तो हैं, लेकिन बाहर काम करने और अन्य वजहों की वजह से देखभाल के लिए समय नहीं है। ऐसे में अपने घरों में अकेले जिंदगी गुजार रहे ये लोग कई तरह से स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं।
कई बार दवाएं या कोई महत्वपूर्ण सामान लाने के लिए परेशान हो जाते हैं। जमीनों पर कब्जे का प्रयास होने की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे लोगों की देखरेख के लिए ही यूपी पुलिस नया सवेरा योजना चला रही है। अब तक जिले के 12 हजार लोगों का नाम, पता व मोबाइल नंबर डॉयल-112 के कंट्रोल रूप में फीड कराया गया है।