युवाओं में हाई बीपी, शुगर बढ़ने से किडनी फेल होने की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। बिगड़ते खानपान की वजह से समस्या लगातार बढ़ रही है। 17 साल से 35 की उम्र के युवा किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 24 मरीजों की डायलिसिस हो रही है, इनमें 10 मरीज 17 से 35 साल तक के युवा हैं।
बिगड़ते खानपान से युवा गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। किडनी खराब होने से एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन बनना कम हो जाता है। जिससे हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। जिसकी वजह से किडनी फेल होने की संभावना बढ़ती है। एल्डोस्टेरोन हार्मोन को हमारी किडनी नियंत्रित करती है, अगर किडनी खराब होनी शुरू हो जाएगी तो एल्डोस्टेरोन हार्मोन अनियंत्रित हो जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति का ब्लडप्रेशर बढ़ने लगता है। जिसके चलते किडनी फेल हो रही है।
जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में रोजाना 24 मरीजों की डायलिसिस हो रही है, इनमें रोजाना करीब 10 मरीज 35 साल तक के आ रहे हैं। डायलिसिस यूनिट में छह मशीनें हैं। इसमें दो पॉजिटिव और चार निगेटिव मशीन शामिल हैं। डायलिसिस करके मरीज के अंदर से अशुद्ध पदार्थों को बाहर निकाला जाता है और ब्लड को मशीन से साफ कर वापस शरीर में भेजा जाता है। यह भी पढ़ें: MEERUT: पश्चिमी यूपी में घने कोहरे ने बढ़ाई ठंड, जनजीवन प्रभावित, अगले दो दिन और सताएगी सर्दी
किडनी खराब होने के लक्षण
– जल्दी थकावट महसूस करना
– बार-बार पेशाब आना
– पेशाब झागदार होना
– पैर पर सूजन आना
– आंखों के नीचे सूजन आना
– भूख में कमी आना
– उल्टी आना
किडनी खराब होने से बचाव – नियमित व्यायाम करें – नमक का प्रयोग कम करें – दर्द निवारक गोलियों का ज्यादा सेवन न करें – शुगर को नियंत्रित रखें – चिकित्सक से परामर्श लेकर दवाई लें
केस नंबर एक
नूरपुर के गांव दौलतपुर बिलौच निवासी इमरान (35) पुत्र मुख्तियार ने बताया कि उसकी चार साल पहले किडनी फेल हो गई। उसे सुबह के समय उल्टी आती थी। पहले तो उसने नजरअंदाज किया। मगर बाद में पता चला कि उसकी किडनी फेल हो गई। चार साल से वह डायलिसिस पर है। सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस करानी पड़ती है।
केस नंबर दो मेरठ के कस्बा रामराज निवासी मोहनवीर (30) पुत्र सूरजभान ने बताया कि साल 2020 में उसकी किडनी फेल हुई है। उसे पहले कोई दिक्कत नहीं थी। बाद में समस्या बढ़ने पर जांच कराई तो किडनी में दिक्कत आई। जिसके बाद किडनी फेल हो गई। दो साल से वह डायलिसिस करा रहा है।
युवाओं में किडनी फेल होने की समस्या ज्यादा बढ़ रही है। हाई बीपी, शुगर, अन्य बीमारियों की वजह से भी युवाओं की किडनी फेल हो रही है। खानपान का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि पूरा पोषण नहीं मिलने की वजह से भी किडनी को नुकसान पहुंच रहा है – डॉ. नेहा जैन, किडनी रोग विशेषज्ञ
जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस यूनिट में मरीजों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रोजाना शत प्रतिशत मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। अच्छी सुविधा मिलने की वजह से दूसरे जिले के मरीज भी यहां डायलिसिस कराने आ रहे हैं – डॉ. मनोज सैन, सीएमएस, जिला अस्पताल
युवाओं में हाई बीपी, शुगर बढ़ने से किडनी फेल होने की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। बिगड़ते खानपान की वजह से समस्या लगातार बढ़ रही है। 17 साल से 35 की उम्र के युवा किडनी फेलियर की समस्या से जूझ रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 24 मरीजों की डायलिसिस हो रही है, इनमें 10 मरीज 17 से 35 साल तक के युवा हैं।
बिगड़ते खानपान से युवा गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। किडनी खराब होने से एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन बनना कम हो जाता है। जिससे हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। जिसकी वजह से किडनी फेल होने की संभावना बढ़ती है। एल्डोस्टेरोन हार्मोन को हमारी किडनी नियंत्रित करती है, अगर किडनी खराब होनी शुरू हो जाएगी तो एल्डोस्टेरोन हार्मोन अनियंत्रित हो जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति का ब्लडप्रेशर बढ़ने लगता है। जिसके चलते किडनी फेल हो रही है।
जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में रोजाना 24 मरीजों की डायलिसिस हो रही है, इनमें रोजाना करीब 10 मरीज 35 साल तक के आ रहे हैं। डायलिसिस यूनिट में छह मशीनें हैं। इसमें दो पॉजिटिव और चार निगेटिव मशीन शामिल हैं। डायलिसिस करके मरीज के अंदर से अशुद्ध पदार्थों को बाहर निकाला जाता है और ब्लड को मशीन से साफ कर वापस शरीर में भेजा जाता है।