शाइन सिटी घोटाला : याचियों का दावा-केंद्र के सहयोग से ही नेपाल से छूटा था मुख्य आरोपी सीईओ राशिद नसीम

0
17

[ad_1]

राशिद नसीम, सीईओ शाइन सिटी। फाइल फोटो

राशिद नसीम, सीईओ शाइन सिटी। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट में 68 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी घोटाले में बुधवार को याचियों ने बताया कि 2019 में शाइन सिटी का सीईओ राशिद नसीम नेपाल में पकड़ा गया तो उसे छुड़ाने में केंद्र सरकार ने ही मदद की थी। कोर्ट ने टिप्पणी की, इसीलिए केंद्र सरकार मामले में अब तक अपना हलफनामा दाखिल नहीं कर सकी है। करीब सवा घंटे की बहस के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए नौ जनवरी तय कर दी। 

श्रीराम राम सहित कई अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की विवेचना पर एक बार फिर असंतुष्टि जताई। कहा, एजेंसियां जांच के नाम पर केवल पत्राचार कर रही हैं। आरोपी फैज अहमद कासिर जिलानी अपने नाम से दो आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर लोगों को धोखा दे रहा है। उसने दो बैंक खाते भी खोल लिए हैं। 

दुबई में बैठा मुख्य आरोपी राशिद नसीम पासपोर्ट बनवा ले रहा है, लेकिन जांच एजेंसियां कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं। कंपनी से जुड़े अभियुक्तों पर प्रदेश के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज है। अभियुक्त फरार हैं। जेल में निरुद्ध अभियुक्त पॉवर ऑफ अटार्नी बदलकर बैनामा कर रहा है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। यूपी, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र सहित कई प्रदेशों में कंपनी अपना जाल बिछाकर लोगों से पैसा हड़प रही है। जांच एजेंसियां लगाम तक नहीं लगा पा रही हैं।

केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही है। आरोपी यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट कर रहा है। केंद्र सरकार की ओर से एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट को बताया कि यूट्यूब चैनल ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन विभाग ने पत्र भेजा है। चैनल अभी ब्लॉक नहीं किए गए। इस पर कोर्ट ने पूछा कि आदेश के बावजूद चैनल क्यों नहीं बंद हुए। इसका जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश से रेड कॉर्नर नोटिस का अपडेट पूछा। उन्होंने बताया, पिछले वर्ष से ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। 

आरोपी राशिद नसीम की पत्नी सलमा परवीन और आसिफ नसीम की पत्नी जीनत फातमा की भव्या ब्रॉडकास्ट में हिस्सेदारी जानने पर बताया गया कि दोनों का हिस्सा 70 फीसदी है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया, ये दोनों किसी केस में अभियुक्त नहीं हैं। 

याचियों के अधिवक्ता एसएन श्रीवास्तव ने बताया, राशिद नसीम के भतीजे फैज अहमद और राशिद के बड़े भाई आकिब के खिलाफ 2020 में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। राशिद के पासपोर्ट निरस्तीकरण के सवाल पर जब यूपी सरकार केअधिवक्ता ने बताया कि उसने दुबई स्थित भारतीय दूतावास से अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण करा लिया है तो कोर्ट की हैरानी और बढ़ गई। सवाल किया कि एजेंसियां कैसी जांच कर रही हैं। 

शाइन सिटी की संपत्तियों की बिक्री पर रोक

प्रयागराज के बारा तहसील के मौजा कांटी में शाइन सिटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की जमीन की बिक्री पर प्रवर्तन निदेशालय ने रोक लगा दी है। इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय ने सहायक महानिदेशक निबंधन को पत्र भेजा है। कंपनी की यहां करीब 100 बीघे जमीन है। शाइन सिटी ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच कई बार इस जमीन का बैनामा कराया था।शाइन सिटी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किसानों से 123 गाटा खरीदकर निबंधन कार्यालय में करीब 80 बिक्रय अनुबंध पंजीकृत कराए थे। जमीन की खरीद के बाद यहां गेट लगाकर चहारदीवारी कराकर पौधे रोपे गए। जमीन बेचने के लिए कई ऑफर दिए गए। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोगों ने प्लॉट खरीदे लेकिन उन्हें कब्जा नहीं मिला। दो वर्ष बाद जब कब्जा नहीं मिला तो पीड़ितों ने न्यायालय की शरण ली। इसकी जांच क्राइम ब्रांच और प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गई।

यह भी पढ़ें -  Prayagraj: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में तैनात सहायक अभियंता की डिग्री मिली फर्जी

प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक राहुल वर्मा ने आठ दिसंबर को सहायक महानिदेशक, निबंधन प्रयागराज को जांच पूरी होने तक शाइन सिटी के नाम से खरीदी गई संपत्ति किसी अन्य के नाम क्रय बिक्री पर रोक लगा दी है। आदेश की प्रति उप निबंधन कार्यालय, बारा को भेजी गई है। बैनामे के बाद कब्जा न मिलने पर कंपनी के विरुद्ध धोखाधड़ी की शिकायत हुई और कंपनी निदेशक पर मुकदमा दर्ज हुआ। वाराणसी जोन की क्राइम ब्रांच ने भूमि की जानकारी जुटानी शुरू की। फिर प्रवर्तन निदेशालय ने पत्र जारी कर शाइन सिटी से जुड़ी भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी। 

लोगों को ऐसे ठगा
मौजा कांटी में पांच वर्ष पूर्व शाइन सिटी कंपनी ने किसानों से जमीन लेकर प्लॉटिंग शुरू की। पहले बीस बीघे जमीन खरीदकर 50 बीघे का नक्शा तैयार किया। फिर उसी के आधार पर ब्रिकी शुरू की गई। लेकिन, कंपनी ने खरीदी गई भूमि से अधिक रकबा बेच दिया। इससे लोगों को कब्जा नहीं मिल सका। भूमि खरीदने वाले जय मिश्र, सुनील कुमार, सुनीता देवी, माया, अंजली, रामायण प्रसाद आदि ने बताया कि किस्तों में पूरी रकम अदा करने के बाद कंपनी ने बैनामा कर दिया, लेकिन मौके पर कब्जा देने वाला कोई नहीं मिला। 

मौजा कांटी में शाइन सिटी के नाम से भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस आशय का आदेश सहायक महानिदेशक निबंधन, प्रयागराज से मिला है। इसका अनुपालन कराया जाएगा। – शशिकांत सरोज, सब रजिस्ट्रार, बारा।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट में 68 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी घोटाले में बुधवार को याचियों ने बताया कि 2019 में शाइन सिटी का सीईओ राशिद नसीम नेपाल में पकड़ा गया तो उसे छुड़ाने में केंद्र सरकार ने ही मदद की थी। कोर्ट ने टिप्पणी की, इसीलिए केंद्र सरकार मामले में अब तक अपना हलफनामा दाखिल नहीं कर सकी है। करीब सवा घंटे की बहस के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए नौ जनवरी तय कर दी। 

श्रीराम राम सहित कई अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की विवेचना पर एक बार फिर असंतुष्टि जताई। कहा, एजेंसियां जांच के नाम पर केवल पत्राचार कर रही हैं। आरोपी फैज अहमद कासिर जिलानी अपने नाम से दो आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर लोगों को धोखा दे रहा है। उसने दो बैंक खाते भी खोल लिए हैं। 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here