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सोनिक। माघ मेले के दौरान टेनरियों व स्लाटरों में 24 दिन की बंदी रहेगी। इस दौरान कार्रवाई न हो, इसके लिए प्रबंधन ने मजदूरों के जरिए फैक्टरी के अंदर स्थापित टैंकों की सफाई शुरू कराई है।
माघ मेले के दौरान पहला शाही स्नान छह जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए 2 जनवरी की रात 12 बजे से टेनरियों व स्लाटरों को बंद करा दिया जाएगा। हालांकि बंदी हर साल होती है, लेकिन बीच में चोरी छिपे प्रबंधन द्वारा गंदा पानी बहाया जाता है। जांच में पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाती है। इसको देखते हुए इस बार टेनरियों व स्लाटर प्रबंधनों ने पहले से ही फैक्टरी के अंदर पानी स्टोर करने के लिए स्थापित टैंकों की सफाई शुरू करा दी है।
वर्तमान समय में इन फैक्टरियों के पानी के शोधन के लिए दही चौकी व बंथर में दो सीईटीपी का संचालन हो रहा है। इसमें दही चौकी से 14 टेनरियां व एक डाग फूड फैक्टरी जुड़ी है। बंथर से 27 टेनरियां जुड़ी हैं। एक स्लाटर हाउस के मैनेजर नीरज त्रिवेदी ने बताया कि बंदी के दिनों में एक भी बूंद पानी का डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा। यह लिखकर प्रशासन को दे दिया गया है। बंदी का पूरा पालन किया जाएगा।
सोनिक। माघ मेले के दौरान टेनरियों व स्लाटरों में 24 दिन की बंदी रहेगी। इस दौरान कार्रवाई न हो, इसके लिए प्रबंधन ने मजदूरों के जरिए फैक्टरी के अंदर स्थापित टैंकों की सफाई शुरू कराई है।
माघ मेले के दौरान पहला शाही स्नान छह जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए 2 जनवरी की रात 12 बजे से टेनरियों व स्लाटरों को बंद करा दिया जाएगा। हालांकि बंदी हर साल होती है, लेकिन बीच में चोरी छिपे प्रबंधन द्वारा गंदा पानी बहाया जाता है। जांच में पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाती है। इसको देखते हुए इस बार टेनरियों व स्लाटर प्रबंधनों ने पहले से ही फैक्टरी के अंदर पानी स्टोर करने के लिए स्थापित टैंकों की सफाई शुरू करा दी है।
वर्तमान समय में इन फैक्टरियों के पानी के शोधन के लिए दही चौकी व बंथर में दो सीईटीपी का संचालन हो रहा है। इसमें दही चौकी से 14 टेनरियां व एक डाग फूड फैक्टरी जुड़ी है। बंथर से 27 टेनरियां जुड़ी हैं। एक स्लाटर हाउस के मैनेजर नीरज त्रिवेदी ने बताया कि बंदी के दिनों में एक भी बूंद पानी का डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा। यह लिखकर प्रशासन को दे दिया गया है। बंदी का पूरा पालन किया जाएगा।
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