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अजगैन। नवाबगंज कस्बा स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार इन दिनों देशी-विदेशी पक्षियों से गुलजार है। सुदूर प्रांतों व ठंडे देशों में बर्फ पड़ने से भारी संख्या में साइबेरियन आए हैं। हजारों मील उड़ान भरकर यहां हर यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अफगानिस्तान, मध्य एशिया के देशों से पक्षी यहां आते हैं। तीन महीने प्रवास करते हैं, बच्चों को पालते हैं। उड़ने लायक होते ही बच्चों को लेकर अपने वतन लौट जाते हैं।
इस बार पक्षी विहार में 13,974 पक्षी शीतकालीन प्रवास पर हैं, इनमे 3,719 प्रवासी हैं। पिछले साल प्रवासी परिंदों की संख्या 16,602 रही थी। नवाबगंज पक्षी विहार में इस बार प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है। साइबेरिया, वर्मा, अफगानिस्तान, मंगोलिया, उत्तरी, दक्षिणी अमेरिका, चीन सहित कई देशों में बर्फ गिरने पर वहां के पक्षी नवंबर से मार्च तक गर्म देशों में प्रवास करते हैं।
साइबेरिया, बर्मा, अफगानिस्तान, मंगोलिया व अन्य यूरोपीय देशों से दर्जनों प्रजाति के पक्षी यहां प्रवास के लिए आए हैं। इनमें सींकपर, लालसर, डुबडुबी, नार्दन साल्वर, रेड क्रैस्टेज पोचार्ड, रूडी शेल्डक, कॉमन टील, पिनटेल सहित कई प्रजातियों के पक्षियों ने डेरा डाला है।
इस बार अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला रूसी शेल्डक (वैज्ञानिक नाम तेदोर्ना फेरुगिनिया) के दो जोड़े आए हैं। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका से गडवॉल, नार्दन सॉवलर, रेड क्रैस्टेज पोचार्ड, मध्य एशिया में पाया जाने वाला फिरोजीयिर, यूरोप व लद्दाख के आसपास पाया जाने वाला कॉमन टील भी आया है।
प्राकृतिक वातावरण और वनस्पतियों से भरे पक्षी विहार की झील में घूमते और आसमान उड़ान भरते ये विदेशी मेहमान लोगों में आकर्षण का केंद्र बने हैं। 224 हेक्टेयर में फैली झील की रौनक देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटकों व वन्य जीवों की जानकारी के लिए चित्र, दूरबीन, टेलीस्कोप, वॉच टावर, पक्षी व्याख्या केंद्र, व्यू शेड उपलब्ध कराए गए हैं।
नए साल के स्वागत में सजावट
नए साल पर रविवार को पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पक्षी विहार घूमने के साथ ही पर्यटक यहां स्थित सुर्खाब रेस्टोरेंट में देशी और विदेशी व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।
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पक्षी विहार पर एक नजर
क्षेत्रफल – 224.60 हेक्टेयर
झील क्षेत्रफल -120 हेक्टेयर
साइकिल ट्रैक -2.30 किलोमीटर
पैदल पथ -1.30 किलोमीटर
अजगैन। नवाबगंज कस्बा स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार इन दिनों देशी-विदेशी पक्षियों से गुलजार है। सुदूर प्रांतों व ठंडे देशों में बर्फ पड़ने से भारी संख्या में साइबेरियन आए हैं। हजारों मील उड़ान भरकर यहां हर यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अफगानिस्तान, मध्य एशिया के देशों से पक्षी यहां आते हैं। तीन महीने प्रवास करते हैं, बच्चों को पालते हैं। उड़ने लायक होते ही बच्चों को लेकर अपने वतन लौट जाते हैं।
इस बार पक्षी विहार में 13,974 पक्षी शीतकालीन प्रवास पर हैं, इनमे 3,719 प्रवासी हैं। पिछले साल प्रवासी परिंदों की संख्या 16,602 रही थी। नवाबगंज पक्षी विहार में इस बार प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है। साइबेरिया, वर्मा, अफगानिस्तान, मंगोलिया, उत्तरी, दक्षिणी अमेरिका, चीन सहित कई देशों में बर्फ गिरने पर वहां के पक्षी नवंबर से मार्च तक गर्म देशों में प्रवास करते हैं।
साइबेरिया, बर्मा, अफगानिस्तान, मंगोलिया व अन्य यूरोपीय देशों से दर्जनों प्रजाति के पक्षी यहां प्रवास के लिए आए हैं। इनमें सींकपर, लालसर, डुबडुबी, नार्दन साल्वर, रेड क्रैस्टेज पोचार्ड, रूडी शेल्डक, कॉमन टील, पिनटेल सहित कई प्रजातियों के पक्षियों ने डेरा डाला है।
इस बार अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला रूसी शेल्डक (वैज्ञानिक नाम तेदोर्ना फेरुगिनिया) के दो जोड़े आए हैं। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका से गडवॉल, नार्दन सॉवलर, रेड क्रैस्टेज पोचार्ड, मध्य एशिया में पाया जाने वाला फिरोजीयिर, यूरोप व लद्दाख के आसपास पाया जाने वाला कॉमन टील भी आया है।
प्राकृतिक वातावरण और वनस्पतियों से भरे पक्षी विहार की झील में घूमते और आसमान उड़ान भरते ये विदेशी मेहमान लोगों में आकर्षण का केंद्र बने हैं। 224 हेक्टेयर में फैली झील की रौनक देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटकों व वन्य जीवों की जानकारी के लिए चित्र, दूरबीन, टेलीस्कोप, वॉच टावर, पक्षी व्याख्या केंद्र, व्यू शेड उपलब्ध कराए गए हैं।
नए साल के स्वागत में सजावट
नए साल पर रविवार को पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पक्षी विहार घूमने के साथ ही पर्यटक यहां स्थित सुर्खाब रेस्टोरेंट में देशी और विदेशी व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।
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पक्षी विहार पर एक नजर
क्षेत्रफल – 224.60 हेक्टेयर
झील क्षेत्रफल -120 हेक्टेयर
साइकिल ट्रैक -2.30 किलोमीटर
पैदल पथ -1.30 किलोमीटर
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