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इसके लिए पहले से ही मंदिर प्रशासन की ओर से बैरियर लगाकर व्यवस्था कराई गई थी। कोहरा होने के बाद भी गोदौलिया से बांसफाटक और चौक से गेट नंबर चार तक बैरिकेडिंग में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। शहर के अन्य मंदिरों में भी नववर्ष के पहले दिन लंबी कतार लगी रही।कड़कड़ाती ठंड के बाद भी आस्थावानों का हौसला नहीं डिगा।
दशाश्वमेध घाट पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा द्वार की तरफ से मंदिर के पूर्वी द्वार से बाबा को जल अर्पित किया। दोपहर 12 बजे तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगा ली थी। वहीं शाम चार बजे तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा चार लाख तक पहुंच गया था।
काशी विश्वनाथ धाम के अलावा संकटमोचन मंदिर, दुर्गाकुंड, कालभैरव, बीएचयू विश्वनाथ, शूलटंकेश्वर, सारंगनाथ, जागेश्वर, गौरी केदारेश्वर, दक्षिणेश्वरी काली सहित सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
दुर्गाकुंड स्थित त्रिदेव मंदिर में नववर्ष पर भंडारे का आयोजन किया गया। तीनों विग्रह श्री रानी सती, सालासर हनुमान जी, खाटू श्याम जी का रंग बिरंगे फूलों से शृंगार किया गया। भंडारा रात नौ बजे तक चलता रहा। भजन संध्या में अनूप सर्राफ ने प्रस्तुति दी। संस्था के अध्यक्ष भरत सराफ, मंत्री राधे गोविंद केजरीवाल ने तीनों विग्रह की आरती उतारी।
भदैनी स्थित लोलार्केश्वर महादेव का भव्य वार्षिक शृंगार रविवार को हुआ। रविंद्र पाठक के संयोजन में बाबा का बेला, गुलाब, चंपा, चमेली की माला से भव्य शृंगार हुआ। बाबा को पूड़ी और हलवा का भोग लगाकर भव्य आरती की गई। इस अवसर पर भजन कीर्तन भी हुआ।
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