[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। जिले को विकास की पटरी पर दौड़ाने के लिए 738 करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। जबकि अगले दो माह में इसे दो हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस निवेश से नए उद्यम लगेंगे और दस हजार लोगों के लिए रोजगार का रास्ता खुलेगा।
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश सरकार इस साल फरवरी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन करने जा रही है। इसमें सरकार और उद्यमियों के बीच निवेश को लेकर एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन होने हैं। सरकार ने प्रदेश के साथ हर जिले में भी औद्योगिक विकास को और तेज करने के लिए निवेश का एक लक्ष्य दिया है। जनपद को दो हजार करोड़ का निवेश कराना है। दिसंबर 2022 तक 738 करोड़ से जनपद में नई परियोजनाओं को स्थापित और शुरू के लिए उद्यमियों ने अपनी सहमति दे दी है। वहीं शेष बचे लक्ष्य को फरवरी तक पूरा करने की दावा किया जा रहा है।
पिछले साल 71.04 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे
2022 के जून माह में लखनऊ में इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें 71.04 करोड़ से छह औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का एमओयू साइन हुआ था। पांच हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मिलने की बात गई थी। उपायुक्त उद्योग के मुताबिक, पिछले साल जिन नई परियोजनाओं में निवेश के लिए एमओयू साइन हुए थे, उन्हें स्थापित करने का काम तेजी के साथ पूरा कराया जा रहा है।
इन प्रमुख उद्यमों में होगा निवेश
रिमझिम इस्पात-400 करोड़
मिर्जा इंटरनेशनल लिमिटेड-150 करोड़
वृंदावन बाटलिंग प्लांट-111 करोड़
रेशम रोसेन इंडिया प्रालि-30 करोड़
सासो सरेमिका-20 करोड़
प्रदेश सरकार ने उद्यमियों के निवेश से संबंधित औपचारिकताएं पूरी कराने के लिए निवेश सारथी पोर्टल शुरू की है। इसी पोर्टल पर उद्यमियों द्वारा निवेश संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के साथ एमओयू भी भर रहे हैं। इस पोर्टल पर ही अब तक 738 करोड़ के निवेश की सहमति उद्यमियों ने दे दी है। फरवरी तक दो हजार करोड़ का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया जाएगा। – करुणा राय, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र
उन्नाव। जिले को विकास की पटरी पर दौड़ाने के लिए 738 करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। जबकि अगले दो माह में इसे दो हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस निवेश से नए उद्यम लगेंगे और दस हजार लोगों के लिए रोजगार का रास्ता खुलेगा।
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश सरकार इस साल फरवरी में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन करने जा रही है। इसमें सरकार और उद्यमियों के बीच निवेश को लेकर एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन होने हैं। सरकार ने प्रदेश के साथ हर जिले में भी औद्योगिक विकास को और तेज करने के लिए निवेश का एक लक्ष्य दिया है। जनपद को दो हजार करोड़ का निवेश कराना है। दिसंबर 2022 तक 738 करोड़ से जनपद में नई परियोजनाओं को स्थापित और शुरू के लिए उद्यमियों ने अपनी सहमति दे दी है। वहीं शेष बचे लक्ष्य को फरवरी तक पूरा करने की दावा किया जा रहा है।
पिछले साल 71.04 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे
2022 के जून माह में लखनऊ में इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें 71.04 करोड़ से छह औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का एमओयू साइन हुआ था। पांच हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मिलने की बात गई थी। उपायुक्त उद्योग के मुताबिक, पिछले साल जिन नई परियोजनाओं में निवेश के लिए एमओयू साइन हुए थे, उन्हें स्थापित करने का काम तेजी के साथ पूरा कराया जा रहा है।
इन प्रमुख उद्यमों में होगा निवेश
रिमझिम इस्पात-400 करोड़
मिर्जा इंटरनेशनल लिमिटेड-150 करोड़
वृंदावन बाटलिंग प्लांट-111 करोड़
रेशम रोसेन इंडिया प्रालि-30 करोड़
सासो सरेमिका-20 करोड़
प्रदेश सरकार ने उद्यमियों के निवेश से संबंधित औपचारिकताएं पूरी कराने के लिए निवेश सारथी पोर्टल शुरू की है। इसी पोर्टल पर उद्यमियों द्वारा निवेश संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के साथ एमओयू भी भर रहे हैं। इस पोर्टल पर ही अब तक 738 करोड़ के निवेश की सहमति उद्यमियों ने दे दी है। फरवरी तक दो हजार करोड़ का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया जाएगा। – करुणा राय, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र
[ad_2]
Source link