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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 11 Feb 2022 11:19 PM IST
सार
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समित गोपाल कर रहे थे। जमानत अर्जी अजय कुमार की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। याची के अधिवक्ता को शुक्रवार को सूची में नंबर आने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने को कहा गया। अधिवक्ता ऑनलाइन कनेक्ट हो गए, लेकिन उन्होंने अपने ऑनलाइन सिस्टम का कैमरा ऑन नहीं किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई को इसलिए टाल दिया क्योंकि अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ड्रेसकोड में नहीं थे और जब उनसे कैमरा ऑन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने इसे आपत्तिजनक माना और सुनवाई टाल दी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समित गोपाल कर रहे थे। जमानत अर्जी अजय कुमार की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। याची के अधिवक्ता को शुक्रवार को सूची में नंबर आने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने को कहा गया। अधिवक्ता ऑनलाइन कनेक्ट हो गए, लेकिन उन्होंने अपने ऑनलाइन सिस्टम का कैमरा ऑन नहीं किया।
कोर्ट ने उन्हें कैमरा ऑन करने केलिए कहा तो उन्होंने कहा कि वह कैमरा चालू नहीं कर सकते। कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए सरकारी अधिवक्ता की मौजूदगी दर्ज कर मामले को स्थगित कर दिया।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई को इसलिए टाल दिया क्योंकि अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ड्रेसकोड में नहीं थे और जब उनसे कैमरा ऑन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने इसे आपत्तिजनक माना और सुनवाई टाल दी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समित गोपाल कर रहे थे। जमानत अर्जी अजय कुमार की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। याची के अधिवक्ता को शुक्रवार को सूची में नंबर आने पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने को कहा गया। अधिवक्ता ऑनलाइन कनेक्ट हो गए, लेकिन उन्होंने अपने ऑनलाइन सिस्टम का कैमरा ऑन नहीं किया।
कोर्ट ने उन्हें कैमरा ऑन करने केलिए कहा तो उन्होंने कहा कि वह कैमरा चालू नहीं कर सकते। कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए सरकारी अधिवक्ता की मौजूदगी दर्ज कर मामले को स्थगित कर दिया।
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