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उन्नाव। यूडीबीएल (उन्नाव डिस्टलरीज एंड ब्रेवरेज लिमिटेड) के स्थायी 65 कर्मियों ने कंपनी के बकाया भुगतान के वादे से मुकरने के बाद फिर से बेमियादी धरना देना शुरू कर दिया। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि दोनों पक्षों से बात की गई है।
यूडीबीएल कंपनी में 65 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया था। इस पर इन कर्मचारियों ने 15 अगस्त 2021 से कंपनी के निकट एक पेट्रोल पंप पर धरना देना शुरू किया था। लगातार 50 दिन तक धरना देने के बाद तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट व वर्तमान सहायक श्रमायुक्त ने कंपनी के मालिक के साथ सभी का बकाया जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया था। हालांकि यह आश्वासन गलत निकला। किसी को भी बकाया भुगतान नहीं किया गया। इस पर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले सभी कर्मचारी शनिवार को फिर पंप पर एकत्र होकर बेमियादी धरने पर बैठ गए। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश बाजपेई ने बताया कि कंपनी ने पांच करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया है। जिसमें ग्रेच्युटी और पीएफ का पैसा शामिल है। बकाया न मिलने से सभी के परिजन भुखमरी की कगार पर हैं। सहायक श्रमायुक्त डॉ. हरिश्चंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी पर दोनों पक्षों से बात कराई गई। कंपनी के संचालकों द्वारा सोमवार तक सभी देयों का भुगतान करने की जानकारी दी गई। जिससे सहमत होकर कर्मचारी धरने से उठ गए।
उन्नाव। यूडीबीएल (उन्नाव डिस्टलरीज एंड ब्रेवरेज लिमिटेड) के स्थायी 65 कर्मियों ने कंपनी के बकाया भुगतान के वादे से मुकरने के बाद फिर से बेमियादी धरना देना शुरू कर दिया। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि दोनों पक्षों से बात की गई है।
यूडीबीएल कंपनी में 65 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया था। इस पर इन कर्मचारियों ने 15 अगस्त 2021 से कंपनी के निकट एक पेट्रोल पंप पर धरना देना शुरू किया था। लगातार 50 दिन तक धरना देने के बाद तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट व वर्तमान सहायक श्रमायुक्त ने कंपनी के मालिक के साथ सभी का बकाया जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया था। हालांकि यह आश्वासन गलत निकला। किसी को भी बकाया भुगतान नहीं किया गया। इस पर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले सभी कर्मचारी शनिवार को फिर पंप पर एकत्र होकर बेमियादी धरने पर बैठ गए। संघ के जिलाध्यक्ष राजेश बाजपेई ने बताया कि कंपनी ने पांच करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया है। जिसमें ग्रेच्युटी और पीएफ का पैसा शामिल है। बकाया न मिलने से सभी के परिजन भुखमरी की कगार पर हैं। सहायक श्रमायुक्त डॉ. हरिश्चंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी पर दोनों पक्षों से बात कराई गई। कंपनी के संचालकों द्वारा सोमवार तक सभी देयों का भुगतान करने की जानकारी दी गई। जिससे सहमत होकर कर्मचारी धरने से उठ गए।
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