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गंजमुरादाबाद। नसीरपुर भिक्खन की गोशाला में शनिवार रात भूख, प्यास से बेहाल मवेशी ने दम तोड़ दिया।
लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर हादसे का सबब बने और उसके आसपास खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे अन्ना मवेशियों के लिए तीन माह पूर्व ग्राम नसीरपुर भिक्खन में गोशाला स्थापित की गई थी। वर्तमान में यहां 30 मवेशी हैं। कई बार मवेशी बैरिकेडिंग तोड़क र भाग चुके हैं। ऐेसे में कुछ मवेशियों को रस्सी से बांधकर गोशाला में रखा गया है। लेकिन इनके लिए भूसा नहीं है।
हौज में पानी भी कम है। पैसा न मिलने के कारण गोसेवक किसी तरह काम चला रहा है। भूख, प्यास से बेहाल मवेशी दम तोड़ रहे हैं। तीन माह में इस गोशाला में करीब एक दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है। दो दिन पूर्व एक मवेशी के मरने के बाद शनिवार रात एक और मवेशी ने दम तोड़ दिया। रविवार दोपहर तक ग्राम प्रधान ने सचिव और पशु चिकित्सक को सूचना नहीं दी।
पशु चिकित्सक डॉ. प्रशांत वर्मा ने बताया कि प्रधान और सचिव ने शव को दफनाया है। गोशाला में चारा-पानी है कि नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
गंजमुरादाबाद। नसीरपुर भिक्खन की गोशाला में शनिवार रात भूख, प्यास से बेहाल मवेशी ने दम तोड़ दिया।
लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर हादसे का सबब बने और उसके आसपास खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे अन्ना मवेशियों के लिए तीन माह पूर्व ग्राम नसीरपुर भिक्खन में गोशाला स्थापित की गई थी। वर्तमान में यहां 30 मवेशी हैं। कई बार मवेशी बैरिकेडिंग तोड़क र भाग चुके हैं। ऐेसे में कुछ मवेशियों को रस्सी से बांधकर गोशाला में रखा गया है। लेकिन इनके लिए भूसा नहीं है।
हौज में पानी भी कम है। पैसा न मिलने के कारण गोसेवक किसी तरह काम चला रहा है। भूख, प्यास से बेहाल मवेशी दम तोड़ रहे हैं। तीन माह में इस गोशाला में करीब एक दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है। दो दिन पूर्व एक मवेशी के मरने के बाद शनिवार रात एक और मवेशी ने दम तोड़ दिया। रविवार दोपहर तक ग्राम प्रधान ने सचिव और पशु चिकित्सक को सूचना नहीं दी।
पशु चिकित्सक डॉ. प्रशांत वर्मा ने बताया कि प्रधान और सचिव ने शव को दफनाया है। गोशाला में चारा-पानी है कि नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
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