मथुरा: गोकुल बैराज बना पक्षियों का नया ठिकाना, यहां 14 विदेशी प्रजातियां हैं मौजूद

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सार

उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के निर्देश पर वन विभाग ने गोकुल बैराज पर जलीय पक्षियों की गणना की। जिसमें 31 प्रजातियां चिन्हित की गईं। 

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उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड द्वारा गोकुल बैराज वेटलैंड पर एशियन वाटरबर्ड सेंसस-22 के अंतर्गत जलीय पक्षियों की गणना की गई। इसमें गोकुल बैराज पर जलीय पक्षियों की 31 प्रजातियां मिली हैं, जिनमें 14 प्रवासी और 17 स्थानीय प्रजातियां चिन्हित की गई हैं। इसमें 4 प्रजातियां संकटग्रस्त पक्षियों की हैं।

शनिवार को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के निर्देश पर गोकुल बैराज पर सुबह 8 से 10 बजे तक की गई गणना में पीके पांडेय उप प्रभागीय वनाधिकारी, ब्रजेश सिंह परमार क्षेत्रीय वन अधिकारी, मनोज कुमार, आरडी मीना, पद्म सिंह, श्याम सिंह, बलराम, अर्जुन सिंह, पूरन सिंह आदि शामिल हुए। बीआरडीएस के अध्यक्ष पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह के निर्देशन में गणना पूरी की गई। 

उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र स्थित गोकुल बैराज वेटलैंड के संरक्षण से प्रवासी पक्षियों का एक नया ठिकाना बन सकता है। यहां प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एशियन वाटरबर्ड सेंसस-22 के अंतर्गत जलीय पक्षियों की 31 प्रजातियां मिली हैं। इसमें 4 प्रजातियां संकटग्रस्त पक्षियों की हैं, जिनमें रिवर टर्न, ब्लैक हेडेड आईबिश, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क व रिवर लेपविंग शामिल हैं।

सबसे अधिक नोर्दन पिनटेल और कॉमन कूट
गोकुल बैराज पर नोर्दन पिनटेल 80, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 60, कॉमन कूट 32, स्पॉट-बिल्ड डक 32 की संख्या के अतिरिक्त कॉमन पोचार्ड, पाइड एवोसेट, स्पून-बिल, नोर्दन शोवलर, रूडी शेल्डक व कॉटन पिग्मी गूज भी रिकॉर्ड किए गए हैं।

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सेंट्रल एशियन फ्लाई-वे से पहुंचे हैं प्रवासी पक्षी
बीआरडीएस के पक्षी वैज्ञानिक डॉ. केपी सिंह ने बताया कि मथुरा के वेटलैंड्स पर सेंट्रल एशियन फ्लाईवे द्वारा प्रवासी पक्षियों का माइग्रेशन होता है, जिसमें भारत सहित 30 देश शामिल हैं। गोकुल बैराज पर पेलिकन और फ्लेमिंगो की भी मौजूदगी है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड द्वारा गोकुल बैराज वेटलैंड पर एशियन वाटरबर्ड सेंसस-22 के अंतर्गत जलीय पक्षियों की गणना की गई। इसमें गोकुल बैराज पर जलीय पक्षियों की 31 प्रजातियां मिली हैं, जिनमें 14 प्रवासी और 17 स्थानीय प्रजातियां चिन्हित की गई हैं। इसमें 4 प्रजातियां संकटग्रस्त पक्षियों की हैं।

शनिवार को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के निर्देश पर गोकुल बैराज पर सुबह 8 से 10 बजे तक की गई गणना में पीके पांडेय उप प्रभागीय वनाधिकारी, ब्रजेश सिंह परमार क्षेत्रीय वन अधिकारी, मनोज कुमार, आरडी मीना, पद्म सिंह, श्याम सिंह, बलराम, अर्जुन सिंह, पूरन सिंह आदि शामिल हुए। बीआरडीएस के अध्यक्ष पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह के निर्देशन में गणना पूरी की गई। 

उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र स्थित गोकुल बैराज वेटलैंड के संरक्षण से प्रवासी पक्षियों का एक नया ठिकाना बन सकता है। यहां प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एशियन वाटरबर्ड सेंसस-22 के अंतर्गत जलीय पक्षियों की 31 प्रजातियां मिली हैं। इसमें 4 प्रजातियां संकटग्रस्त पक्षियों की हैं, जिनमें रिवर टर्न, ब्लैक हेडेड आईबिश, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क व रिवर लेपविंग शामिल हैं।

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