बागपत के काठा गांव के रहने वाले फौजी अनुज चौधरी लद्दाख में ड्यूटी करते हुए ढाई घंटे तक बर्फ में दबे रहने के बाद मौत से जंग जीत गए। उनका लद्दाख के सेना के अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं होश आने पर सेना के जांबाज अनुज ने कहा कि एक बार तो लगा था कि अब कभी देश सेवा नहीं कर पाऊंगा, लेकिन साथियों ने उन्हें ढूंढ निकाला और तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
काठा गांव के किसान हरवीर सिंह के बेटे अनुज चौधरी भारतीय सेना में सिपाही हैं। जिनकी ड्यूटी लद्दाख में चल रही है। अनुज दो दिन पहले अपने साथी जवानों के साथ पहाड़ी क्षेत्र से सामान लेकर नीचे आ रहे थे। चार जवान आगे चल रहे थे, जबकि अनुज पीछे थे। तभी बर्फ खिसकने से अनुज करीब छह फुट बर्फ के नीचे दब गए।
साथियों ने तलाश शुरू की तो थोड़ी बर्फ हटाने पर अनुज का बैग उनको दिखाई दिया। जिसके बाद आसपास बर्फ को हटाते रहे और करीब ढाई घंटे बाद अनुज बेहोशी की हालत में मिले।
अनुज की सांस चल रही थी, लेकिन उनका शरीर पूरी तरह से ठंडा होकर अकड़ चुका था। साथी उनको लद्दाख में पहाड़ी क्षेत्र से नीचे लेकर पहुंचे और सेना के अस्पताल में उपचार कराया। अनुज की दो दिन से हालत नाजुक बनी हुई थी, लेकिन अब वह खतरे से बाहर हैं।
अनुज बोले, ऐसा लगा कि अब देश सेवा नहीं कर सकूंगा
अनुज चौधरी ने फोन पर बातचीत में बताया कि जब वह बर्फ के काफी नीचे दब गए तो शुरुआत में खुद निकलने का प्रयास किया। बर्फ के नीचे हिम्मत जवाब देने लगी और शरीर ठंडा पड़ता गया।
उन्होंने बताया कि बर्फ में दबने के बाद कई बार बाहर निकलने का प्रयास किया, लेकिन उसके बाद भी नहीं निकल सके। उनको लगा कि अब देश सेवा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि शायद ही जिंदगी बच सके। उनके साथियों ने ढूंढ निकाला और उनकी जिंदगी बच गई।
परिवार वाले करते रहे दुआ
अनुज के परिवार में पिता हरवीर सिंह, मां निर्मला देवी, एक भाई व दो बहनें हैं। जब उनको पता चला कि वह बर्फ के नीचे दब गए थे और उनको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है तो परिवार वालों ने सलामती के लिए दुआ की। उसका भी नतीजा है कि वह अब ठीक हैं।