[ad_1]
Prayagraj News : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2021-22 में डीन (रिसर्च) के पुत्र और पुत्री के टॉप करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए साक्षात्कार पर अगली तिथि तक के लिए रोक लगा दी है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करे। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने प्रांजल पांडेय व 13 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचियों की ओर से कहा गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2021-2022 में प्रवेश के लिए परीक्षा कराई। इसमें विभागाध्यक्ष और डीन (रिसर्च) के पुत्र को 170 और पुत्री को 168 अंक प्राप्त हुए। परीक्षा में बाकी अभ्यर्थी 160 से अधिक अंक प्राप्त नहीं कर सके। याचियों ने भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया।
हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कहा गया कि दोनों अभ्यर्थी शुरू से ही मेधावी रहे हैं। इन दोनों अभ्यर्थियों का पूर्व एकेडमिक रिकॉर्ड भी बेहतर रहा है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को गंभीर माना और विश्वविद्यालय प्रशासन को जवाब दाखिल करने को कहा। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी को करेगी।
[ad_2]
Source link