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काशी विश्वनाथ धाम
– फोटो : सोशल मीडिया।
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काशीपुराधिपति के तिलकोत्सव के बाद लगन की रस्में भी शुरू हो जाएंगी। महाशिवरात्रि पर विवाहोत्सव से पहले बाबा विश्वनाथ को हल्दी लगाई जाएगी। 16 फरवरी गुरुवार को टेढ़ीनीम स्थित महंत के आवास पर बाबा विश्वनाथ के रजत विग्रह के सामने हल्दी तेल का लोकाचार पूर्ण होगा। संध्या बेला में भगवान शिव को हल्दी लगाई जाएगी। हल्दी की रस्म के लिए गवनहरियों की टोली मंगल गीत गाएगी।
पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के सानिध्य में रस्में होंगी। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दांपत्य की कामना के गीत गाए जाएंगे। हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दूल्हे की खूबियों का बखान किया जाएगा। इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दुल्हन का ख्याल रखने की ताकीद भी की जाएगी। डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर शिवांजलि के तहत मथुरा से आमंत्रित आशीष सिंह का कथक नृत्य होगा। अन्य स्थानीय कलाकार भजनों की प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि की महानिशा के चारों प्रहर में बाबा विश्वनाथ की आरती होगी। महंत परिवार के सदस्यों के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड परंपरानुसार पूरा किया जाएगा।
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