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नयी दिल्ली: विभिन्न स्तरों पर ‘वीवीआईपी संस्कृति’ को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कर्मचारियों से कार्यालयों में परिचारकों को बुलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली घंटी को हटाने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिया कि ऑफिस अटेंडेंट को बुलाने के लिए घंटी का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाया जाना चाहिए.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि निर्देश पूरी तरह से लागू हो, वैष्णव ने सबसे पहले अपने कार्यालय में घंटी हटा दी। मंत्री के कार्यालय ने कहा कि यह प्रयास किया गया है कि यहां प्रत्येक कर्मचारी को समान सम्मान दिया जाए और वीवीआईपी संस्कृति की मानसिकता को बदला जाए.
इसके साथ ही मंत्री यह भी चाहते हैं कि हर कर्मचारी शत-प्रतिशत रेलवे को पूरी गति से चलाए, जो शून्य प्रतिशत वीवीआईपी संस्कृति से ही संभव है।
इससे पहले भी वैष्णव ने अपने कार्यालय में कार्य संस्कृति को बदलने और एक दूसरे के काम के प्रति वफादारी और विश्वास पैदा करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के लिए इस तरह की पहल की थी।
हालांकि, मंत्री के कार्यालय द्वारा शुरू की गई ‘नो बेल्स’ पहल ने एक नए युग का निर्माण किया है, जिसमें रेल मंत्रालय में ‘कॉल बेल्स’ सुनाई नहीं देगी।
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