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गोरखपुर विश्वविद्यालय और बीआरडी मेडिकल कॉलेज।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
बड़े साहब के हुक्म से गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के दोनों मुख्य द्वार इन दिनों सामान्य लोगों के लिए बंद रहते हैं। सिर्फ साहब लोगों को जाने की अनुमति है। सोमवार को कुछ अभिभावक, डिग्री लेने पहुंचे थे। पहले पूरब की ओर से जाने की कोशिश की तो गार्ड ने रोक दिया। बोले, आगे से जाइए। फिर अभिभावक दूसरे द्वार पर पहुंचे। वहां भी रोका गया और वही जवाब।
अभिभावक थोड़ा और आगे बढ़े और नवनिर्मित हॉस्टल की ओर से अंदर घुस गए। आगे जाकर एक रास्ता मिल गया। आगे बढ़ते गए तो परिसर में पहुंच गए, फिर गार्ड ने रोक दिया। लौटकर वापस आए और हॉस्टल के सामने भवन में काउंटर पर पहुंचे। वहां लिपिक से बोले-हमें साहब के पास जाना है। लिपिक ने कहा कि आगे से जाइए, एक गुप्त रास्ता है। इस पर एक अभिभावक तपाक से बोले उठे, अब हमें मत घुमाइए। मुझे नहीं मिलना है। आप ही शुल्क जमा करा दें। ये परिसर तो चकरघिन्नी की तरह है। पता नहीं कैसे लोग जाते हैं।
छोटे साहब ताकतवार या बड़े, मापने में लगे डॉक्टर
पूर्वांचल के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान में जब से बड़े साहब आए हैं, छोटे साहब की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं। बड़े साहब ने एक-दो दौरा किया तो संस्थान के डॉक्टरों उनकी गणेश परिक्रमा शुरू कर दी। इसके बाद चौकन्ने हुए छोटे साहब ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी। संस्थान में गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही अपने सूत्रों को जासूसी के लिए लगा दिया कि बड़े साहब के आगे-पीछे कौन-कौन घूम रहा है। इसकी भनक लगने के बाद से संस्थान के डॉक्टर दोनों साहबों की शक्ति मापने में लग गए हैं।
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