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भुता क्षेत्र के गांव सिगाही मुरावान निवासी सरन मौर्य का गांव की ही महविश से प्रेम प्रसंग चल रहा था। अलग-अलग महजब होने के कारण प्रेमी युगल के परिवार वाले उनके रिश्ते के खिलाफ थे। इसके चलते 17 फरवरी को दोनों घर छोड़कर चले गए। दोनों कुछ दिनों तक चंडीगढ़ में रहे। फिर बरेली वापस आ गए।
सरन और महविश बरेली में पंडित केके शंखधार के पास अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंच गए। शंखधार ने दोनों के कागजात देखे। बालिग होने पर डीएम के यहां सूचना भिजवाकर शादी करा दी।
महविश से महिमा मौर्य बनी युवती ने कहा कि हिंदू धर्म में उसकी आस्था पहले भी थी। अब और बढ़ गई है। उसने बताया कि उसके घरवाले शादी के खिलाफ थे।
महविश का आरोप है कि घरवालों ने उसका उत्पीड़न किया। नाबालिग बताकर रिपोर्ट दर्ज कराई। वह बालिग है। उसने अपनी मर्जी से प्रेमी से शादी की है। वह जिंदगीभर उसी के साथ रहेगी।
महविश से शादी करने के बाद उसका प्रेमी सरन मौर्य भी बेहद खुश है। दोनों की शादी कराने से पहले पंडित केके शंखधार ने महविश के धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कराई।
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