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उन्नाव। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर गुजरात प्रदेश के आईआईटी गांधीनगर की एक टीम ने सिकंदरपुर सरोसी व टीकरगढ़ी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का भ्रमण किया। टीम की सदस्यों ने बालिकाओं की विज्ञान में रचनात्मकता को परखा। साथ ही उनके शिक्षण तथा विद्यालय व्यवस्था की जानकारी ली।
आईआईटी द्वारा प्रदेश के सभी बा स्कूलों में पिछले एक साल से सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग (सीसीएल) के तहत ऑनलाइन माध्यम से विज्ञान शिक्षण का कार्य किया जा रहा है। मंगलवार को शिक्षण की अब तक की स्थिति को जांचने के लिए आईआईटी की सदस्य अदिति व शिल्पा ने बालिकाओं द्वारा ऑनलाइन माध्यम से बताए गए मॉडल्स का प्रदर्शन और उनके सिद्धांतों की व्याख्या देखी। कक्षा 6, 7 व 8 की बालिकाओं द्वारा बनाए गए सोलर सिस्टम के मॉडल की सदस्यों ने काफी सराहना की। सदस्यों के पूछे गए सवालों का भी बालिकाओं ने सही जवाब दिया। इसके अलावा बालिकाओं द्वारा डीसी मोटर, बैलेंस बर्ड, वर्टिकल पेन स्टैंड, सिरिंज जनरेटर, बकी लैंप, ट्रायएंगल व्हील, चरखा जनरेटर, सेंट्रिपेटल डस्टबिन, सिरिंज हैंडपंप आदि के लगाए गए मॉडलों को भी सराहना मिली। इस दौरान दोनों विद्यालयों की विज्ञान शिक्षिका कामिनी व नीलम आदि भी मौजूद रहीं।
छात्रों को विज्ञान दिवस पर वैश्विक कल्याण का पढ़ाया पाठ
उन्नाव। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर नवाबगंज के कंपोजिट विद्यालय में छात्र-छात्राओं ने विज्ञान से संबंधित क्विज में प्रतिभाग किया। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कक्षा 8 के छात्रों को मोबाइल के माध्यम से सीवी रमन के बारे में जानकारियां तथा शार्ट फिल्म दिखाई गई। शिक्षिका स्नेहिल पांडेय ने छात्रों को बताया कि नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भौतिकी के वैज्ञानिक सीवी रमन की याद में विज्ञान दिवस 1987 में पहली बार मनाया गया था। इस दौरान छात्रों को विज्ञान दिवस के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही वर्ष 2023 की थीम वैश्विक कल्याण के लिए, वैश्विक निर्माण के लिए हो विज्ञान पर आधारित शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। शिक्षिका स्नेहिल ने बताया कि बच्चों को विज्ञान से जोड़कर अभिनव प्रयोग द्वारा कक्षा में पढ़ाना चाहिए। जिससे विज्ञान विषय को लेकर वे भयभीत नहीं होते हैं तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। (संवाद)
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