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मोटापा
– फोटो : अमर उजाला
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विश्व मोटापा (ओबेसिटी) दिवस की इस बार की थीम है-मोटापे के बारे में बात करें। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी लोग मोटापा को बीमारी नहीं मानते हैं। इसका आशय अच्छे खानपान से ही लगाया जाता है। जबकि मोटापा कई बीमारी की जननी है। एसएन मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी पाल का कहना है कि ओपीडी में पहुंचने वाले 15 से 20 फीसदी मरीजों के जोड़ों में दर्द की वजह मोटापा ही होता है।
डॉ. सीपी पाल ने बताया कि मोटे लोगों का ऑपरेशन (घुटना प्रत्यारोपण) में भी दिक्कत होती है। ऑपरेशन किए जाने में बेहतर परिणाम नहीं आ पाते हैं। मोटापा कम करके जोड़ों के दर्द से काफी हद तक बचा जा सकता है। इसके लिए खानपान व्यवस्थित होना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए।
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि मोटापा बीमारी है, उसे पहचानना होगा। मोटापे की वजह से डायिबटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट, हर्निया, लीवर आदि की बीमारी होने का खतरा रहता है। मोटापा खत्म कर लें तो तमाम बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं। इसके लिए खानपान, दिनचर्या व्यवस्थित होनी चाहिए। व्यायाम के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए।
25.2 फीसदी महिलाएं मोटापे की चपेट में
एसएन मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू अग्रवाल और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गीतू सिंह ने नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-5 के डाटा पर शोध किया गया है। इसके अनुसार जिले की 25.2 फीसदी महिलाएं और 23.1 फीसदी पुरुष मोटापे और अधिक वजन के शिकार हैं। 15 से 49 वर्ष की महिलाओं व 15 से 44 वर्ष के पुरुषों पर शोध किया गया।
फास्ट फूड बढ़ा रहा मोटापा
कम उम्र के बच्चों और युवाओं में मोटापा बढ़ना चिंताजनक है। खानपान पर नियंत्रण न होना और फास्ट फूड मोटापा बढ़ा रहें है। बदलते दौर मे नियमित व्यायाम, योग ध्यान और पसीना बहाने की प्रवृत्ति बनानी होगी। मौसम के मुताबिक फल और सब्जियों का सेवन करे। हरी सब्जियों युक्त संतुलित भोजन का सेवन हितकारी है।
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