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अतीक अहमद और अशरफ
– फोटो : अमर उजाला।
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उमेश पाल हत्याकांड में बरेली जिला जेल में बंद अशरफ की भूमिका सामने आने के बाद एसटीएफ और एजेंसियां तेजी से पड़ताल में जुट गई हैं। इस बीच शहर में जमे अशरफ के गुर्गे मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं। किसी शूटर की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर इनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
बरेली जेल में रहते हुए अशरफ ने रिश्तेदार युवक और परिचित की मदद से दो साल में किस तरह शहर व आसपास नेटवर्क खड़ा किया, एजेंसियां उसका पता लगाने में जुटी हैं। खुफिया अमला भी शहर की उन पॉश कॉलोनियों में जानकारी जुटाने में लगा है, जहां अशरफ के लोग रहकर प्रयागराज व अन्य स्थानों से आने वालों की पैरवी करते थे। विपक्ष की पार्टी से जुड़े एक नेता की इस मामले में भूमिका पता चलने के बाद एसटीएफ और सक्रिय हो गई है।
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