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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 17 Feb 2022 12:51 AM IST
सार
कोर्ट ने कहा कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले नाबालिगों ने घर से भाग करके शादी की। बच्चे को जन्म दिया। अब बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखना कठोर निर्णय होगा। कोर्ट ने अपराध की प्रकृति सबूतों और विशेष स्थिति पर विचार करते हुए याची की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपराध कानून का इस्तेमाल सार्थक और बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कठोर पॉक्सो कानून नाबालिग लड़की को यौनाचार के अपराध से संरक्षण देने के लिए जरूरी है। अपराध भले ही गंभीर है लेकिन इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिए।
गैर जिम्मेदाराना रवैए से इसे लागू किया गया तो पीड़िता को अपूरणीय क्षति हो सकती है। ऐसे नासमझ किशोरों का जीवन बर्बाद हो जाएगा। जिन्होंने अनजाने में नजदीकी बढ़ाई प्रेम संबंध बनाए और साथ जीवन बिताने के संकल्प के साथ शादी की।
बच्चे का जन्म हुआ। कार्रवाई से पारिवारिक परंपरा और जीवन मूल्यों को समझाने में विफल रहे मां-बाप को कुछ हासिल नहीं होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खागा फतेहपुर के अतुल मिश्र की जमानत अर्जी को विशेष स्थिति में स्वीकार करते हुए दिया है।
बच्चे सहित पीड़िता को तत्काल रिहा करने का आदेश
कोर्ट ने कहा कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले नाबालिगों ने घर से भाग करके शादी की। बच्चे को जन्म दिया। अब बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखना कठोर निर्णय होगा। कोर्ट ने अपराध की प्रकृति सबूतों और विशेष स्थिति पर विचार करते हुए याची की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। साथ ही राजकीय बाल कल्याण गृह बालिका खुल्दाबाद प्रयागराज की इंचार्ज को बच्चे सहित पीड़िता को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मगर नोटिस मिलने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया। 17 नवंबर 2019 को खागा थाने में पिता ने नाबालिग लड़की के स्कूल से लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घर नहीं लौटने पर अपहरण करने का आरोप लगाया।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपराध कानून का इस्तेमाल सार्थक और बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कठोर पॉक्सो कानून नाबालिग लड़की को यौनाचार के अपराध से संरक्षण देने के लिए जरूरी है। अपराध भले ही गंभीर है लेकिन इसे सार्थक ढंग से लागू किया जाना चाहिए।
गैर जिम्मेदाराना रवैए से इसे लागू किया गया तो पीड़िता को अपूरणीय क्षति हो सकती है। ऐसे नासमझ किशोरों का जीवन बर्बाद हो जाएगा। जिन्होंने अनजाने में नजदीकी बढ़ाई प्रेम संबंध बनाए और साथ जीवन बिताने के संकल्प के साथ शादी की।
बच्चे का जन्म हुआ। कार्रवाई से पारिवारिक परंपरा और जीवन मूल्यों को समझाने में विफल रहे मां-बाप को कुछ हासिल नहीं होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खागा फतेहपुर के अतुल मिश्र की जमानत अर्जी को विशेष स्थिति में स्वीकार करते हुए दिया है।
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