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सफीपुर। कस्बा स्थित स्टेशन पर प्लेटफार्म न होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सरकार ने आवागमन के लिए ट्रेन तो दी लेकिन प्लेटफार्म नही बनवाया। ऐसे में लोग पटरियों पर पड़े गर्डर पर खड़े होकर ट्रेन में चढ़ने को मजबूर हैं। वहीं स्टेशन पर पेयजल व महिला शौचालय भी नही है।
सफीपुर कस्बा स्थित रेलवे स्टेशन पर सीतापुर से कानपुर और कानपुर से सीतापुर जाने के लिए दो ट्रेनें रुकती हैं। इन ट्रेनों में कस्बे के लगभग 150 यात्री रोज यात्रा करते हैं। दोनों ट्रेनें लगभग दो मिनट के लिए यहां रुकती है। ऐसे में लोग प्लेटफार्म न होने से लोग पटरियों पर पड़े गर्डर पर चढ़कर महिलाओं और बच्चों को ट्रेन में चढ़ाते हैं। इससे दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। लोगों का कहना है कि समय के साथ लाइन भी इलेक्ट्रिक हो गई लेकिन आज तक प्लेटफार्म का निर्माण नही कराया गया। बदहाली का आलम यह है कि पेयजल व्यवस्था के लिए लगवाई गई टंकी की सप्लाई दस साल पहले बंद हो गई थी। इसके बाद कई बार लोगों ने अधिकारियों से मिलकर टंकी चालू कराने की मांग की लेकिन अब तक सप्लाई चालू नहीं हो सकी। विकल्प के तौर पर लगाए गए पांच हैंडपंप में तीन खराब हो चुके हैं। इन्हें भी अबतक सही नही कराया गया। महिला व पुरुष शौचालय में दरवाजे नही लगे हैं इससे इनमें कूड़ा जमा हो गया है। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन मास्टर महेश आरके श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकारियों को समस्याओं की जानकारी दी जा चुकी है। जल्द ही समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा।
इंसेट..
बीस साल पहले दिल्ली से आई टीम ने सफीपुर कस्बे को जोड़ते हुए बिठूर से कानपुर तक रेलवे ट्रैक बनाने का खाका तैयार किया था। अधिकारियों के अनुसार यह ट्रैक बनने पर ट्रेनों को लखनऊ-कानुपर व्यस्त रेल मार्ग से हटाकर बाहर से सेंट्रल पहुंचा दिया जाता। लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में है।
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सआदत नगर निवासी रेल यात्री विजय गौतम ने बताया कि स्टेशन पर पेयजल की कोई व्यवस्था नही है। ट्रेन महज दो मिनट स्टेशन पर रुकती है। इससे यात्री दूर लगे हैंडपंपों तक पहुंचकर पानी नही ला पाते हैं। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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मवई भान गांव निवासी रामदेवी ने बताया की प्लेटफार्म न होने से बुजुर्ग लोग ऊंचाई पर चढ़कर ट्रेन में नही बैठ पाते हैं। वहीं पेयजल और शौचालय की सुविधा भी स्टेशन से नदारत है। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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