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ईंट भट्ठे पर पानी डालकर बंद करते हुए
– फोटो : अमर उजाला
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों को ताक पर रख कर नियम विरुद्ध ईंट भट्ठों का संचालन कराने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जेपी सिंह पर निलंबन की तलवार लटक गई है। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने शासन स्तर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन के अपर मुख्य सचिव को इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेजते हुए उनके निलंबन की संस्तुति की है।
एनजीटी के स्तर से केवल जिगजैग तकनीक से बनी चिमनी वाले ईट भट्ठे संचालन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिले में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की मिलीभगत से साधारण चिमनी वाले ईट भट्ठों का संचालन भी शुरू कर दिया गया था। भट्ठा संचालन के लिए करीब 200 सहमति भी नियमों के खिलाफ जारी की गईं।
झम्मन लाल गौतम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य संगठन की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने दिल्ली एनसीआर से सटे जिलों में वायु प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इसके साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए थे कि एनसीआर की शर्तों पर ही जिले में ईंट भट्ठों का संचालन शुरू किया जाए। तय हुआ कि साल में केवल चार महीने ही भट्टे संचालित होंगे। इसमें जिगजैग तकनीक से एक मार्च से भट्ठे शुरू होकर 30 जून तक संचालित होंगे।
नियम विरुद्ध चल रहे थे भट्ठे
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से 22 फरवरी को जारी एक आदेश में जिले के चार भट्ठों को 21 फरवरी 2024 तक जिगजैग तकनीक में परिर्वतन किए जाने की शर्त के साथ संचालन की छूट दी है। इसमें मैसर्स आरडीके ब्रिक फील्ड, मै. शिव शक्ति ईंट उद्योग, मै. मनोज कुमार- विवेक कुमार ईंट उद्योग एवं मै. दीपक ईंट उद्योग शामिल किए गए हैं। कोर्ट के पारित आदेश को लेकर जिले में नोटिफिकेशन भी जारी हुआ था। आदेशों के अनुपालन में एक मार्च से ईंट भट्ठों का संचालन शुरू हो गया है।
आरोप है कि इसी बीच जिगजैग की आड़ में साधारण चिमनी वाले ईंट भट्ठों का संचालन भी शुरू करा दिया गया। क्षेत्रीय अधिकारी इसको रोकने असफल रहे। डीएम को इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने जांच कराई। जिसमें साफ हुआ कि कुछ भट्ठा संचालकों को क्षेत्रीय अधिकारी ने संचालन की सहमति दी है। इस डीएम ने क्षेत्रीय अधिकारी पर भ्रष्ट आचरण, प्रशासन को गुमराह करने के आरोप में निलंबन की संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेज दी है। अब साधारण चिमनी वाले भट्ठों को पानी डाल कर बंद कराया जा रहा है।
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