बलिया : राम मंदिर पर हमले की साजिश के मामले में फरीदाबाद के एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद अब एक नया क्लू सामने आया है। यूपी के कई शहरों में ATS छापेमारी कर रही है। मंगलवार को बलिया से लेकर आजमगढ़ तक एटीएस (ATS) ने कई लोगों सें पूछताछ की। यूपी के बलिया में तीन अलग-अलग ठिकानों पर लखनऊ ATS की टीम ने छापेमारी की।
ATS की टीम पहली टीम टसुखपुरा थाना क्षेत्र के बोडिया गांव पहुंची। दूसरी टीम ने दोकटी थाना क्षेत्र में दबिश की तो तीसरी टीम दुबहड़ थाना क्षेत्र में तलाशी करने के लिए पहुंची। बता दें राम मंदिर पर हमला करने की साजिस करने वाले अब्दुल की गिरफ्तारी के बाद एटीएस एक्टिव हो गई है। अब्दुल रहमान को एसटीएफ की 10 दिनों की रिमांड में भेजा गया है।
पाकिस्तानी महिला एजेंट से कनेक्शन की जांच लगातार बलिया ATS की टीम कर रही है। एटीएस ने सुखपुरा थाना क्षेत्र के बोडिया गांव निवासी राहुल सिंह का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार सुखपुरा थाना क्षेत्र के बोडिया गांव में राहुल सिंह के घर ATS की टीम ने दबिश दी थी। वहां उससे लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की।
राहुल सिंह ने बताया कि ATS की 6 सदस्यीय टीम देर रात उनके घर पहुंची। उनसे पाकिस्तानी महिला एजेंट इसीका कपूर के बारे में पूछताछ की। बलिया के बोडिया गांव का रहने वाला राहुल सिंह सिर्फ 10वीं पास है। वह मुम्बई में पालन जी प्राइवेट शिपिंग कंपनी (Palan Ji Private Shipping Company) में काम करता है। पाकिस्तानी एजेंट इसीका कपूर के कनेक्शन की जांच ATS को मिली थी।
बलिया के अलावा आजमगढ़ में भी एटीएस की टीम की छापेमारी की। एटीएस चीफ नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि उन्हें कुछ इनपुट मिले हैं। जिसके अधार पर जांच की जा रही है। कोई साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। अयोध्या राम मंदिर को उड़ाने की साजिश में फरीदाबाद से अब्दुल रहमान अबू बकर नामक एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद ATS की टीम यूपी के कई शहरों में छापेमारी कर रही है। बता दें कि आरोपी अब्दुल रहमान से पूछताछ के बाद एटीएस को कई संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी मिली है। गुजरात एटीएस और फरीदाबाद स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी जब्त किए गए। 19 साल का अब्दुल रहमान उत्तर प्रदेश के फैजाबाद का निवासी है। कई दिनों से वह फरीदाबाद के पाली गांव में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था। किसी को शक न हो इसके लिए वह कभी ऑटो चलाता, तो कभी होटल में काम करता। बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान 5 दिन पहले ही अपने घर से फरीदाबाद के लिए निकला था। कुछ महीने पहले ही रहमान अपने गांव से अयोध्या शहर पहुंचा था।
गुजरात ATS की पूछताछ में ये खुलासा किया कि रहमान कई महीने से राममंदिर की रेकी कर रहा था। उसकी नज़र राममंदिर पर थी। पूछताछ में उसने ये बताया कि साजिश को अंजाम देने के लिए उसे किस प्रकार ट्रेनिंग दी जाती थी. अब्दुल रहमान ने ये भी बताया कि उसे ऑनलाइन वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग दी गई है, जहां उसे कई टास्क भी दिए गए।
राम मंदिर को उड़ाने की साजिश भी वीडियो कॉल पर ही रची गई थी। अब्दुल रहमान के मोबाइल में कई धार्मिकस्थलों के फोटो और वीडियो भी मिले हैं. वहीं रहमान के पिता ने कहा कि बेटे की गिरफ्तारी के बाद अयोध्या पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। पुलिस को कई ऐसे बड़े इनपुट मिले है जिसमे ये बताया गया है कि अब्दुल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में है. वो कई कट्टरपंथी जमातों इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस से भी जुड़ा हुआ है।