छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की हत्या करने वाला आदित्य देव पाठक अपराधी प्रवृत्ति का है। छह महीने पहले वह एक छात्र पर हमला करने के मामले में जेल गया था। 21 दिन पहले ही वह जेल से जमानत पर छूटा था। अब उसने इतनी बड़ी वारदात अंजाम दे डाली। जिस अवैध पिस्टल से आरोपी निष्ठा को गोली मारी वह मुंगेर की है। जेल से छूटने के बाद अपने एक करीबी से पिस्टल ली थी। वारदात के बाद बताया जा रहा है कि आदित्य पाठक, मोनू और निष्ठा के अलावा उसका एक और दोस्त आदित्य शुक्ला भी था। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस तहकीकात कर रही है।
पुलिस के मुताबिक आदित्य पाठक छात्रों से वसूली करता है। 15 मार्च को उसने बीबीडी के छात्र उदय प्रताप सिंह को सेरराह रोक लिया था। गाली गलौज करने के बाद उसका मोबाइल जबरन ले रहा था। विरोध करने पर उसको पीटा था और सिर फोड़ दिया था। एडीसीपी पूर्वी ने बताया इसी मामले में वह जेल भेजा गया था। 31 अगस्त को जेल से छूटा। तब वह इस किराए के मकान में रहने आया था। पड़ोस में रहने वाली रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी ने कहा कि जब से आदित्य वहां रहने आया है तब से देर रात तक नशेबाजी होती है। तमाम लोग उस घर में आते जाते रहते थे। सड़क पर खड़े होकर गाली गलौज करता था। पूरा मोहल्ला इनकी हरकतों से परेशान था।
बिना एग्रीमेंट व बिना सत्यापन के दिया गया था कमरा
पुलिस की जांच में सामने आया कि हिमांशु श्रीवास्तव व सुधांशु श्रीवास्तव यूपी पुलिस में दरोगा हैं। गोरखपुर में उनकी तैनाती है। उन्होंने ही आदित्य को किराए पर मकान दिया था। एडीसीपी ने बताया शुरुआती जांच में पता चला कि बिना एग्रीमेंट व बिना सत्यापन के आदित्य को किराए पर मकान दिया गया था। आशंका है किसी परिचित के जरिये मकान दिया होगा या फिर सीधे मकान मालिक परिचित हैं। ये पता किया जा रहा है।
तीन डाक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम
तीन डॉक्टरों के पैनल से निष्ठा के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गोली सीने के दायीं तरफ मारी गई। जो भीतर फंस गई थी। गोली रिकवर हुई है। शॉक एंड हेमरेज से निष्ठा की मौत हुई। विसरा भी सुरक्षित किया गया है। स्लाइड भी बनाई गई हैं।
फोरेंसिक टीम ने लिये सैंपल
वारदात की जानकारी के बाद पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम घटनास्थल पहुंची। यहां पर कमरे से लेकर किचन तक फर्श पर खून ही खून पड़ा मिला। फोरेंसिक टीम ने सैंपल लिए।