[ad_1]
आगरा में शीतला माता के मेले में सोमवार को बेटे पिंटू का हाथ छूटा तो मां सुनीता की तो जैसे दुनिया ही लुट गई। बदहवास सी हो गईं। इधर से उधर दौड़ते हुए पिंटू-पिंटू की आवाज लगाई। आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। करीब एक घंटे बाद पता चला कि बेटा सकुशल खोया-पाया शिविर में है। दौड़कर पहुंची और बेटे को गोद में उठा लिया। आंसू पोंछते हुए 15 मिनट तक उसे दुलारती जातीं।
नरीपुरा निवासी सुनीता पति महेश के साथ केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग पर लगे मेले में दोपहर 12 बजे के करीब पहुंची थीं। एक घंटे तक दोनों पिंटू के साथ घूमते रहे। सुनीता ने बताया कि दोपहर एक बजे के करीब पता नहीं कैसे पिंटू का हाथ छूट गया। पता चला तो पति के साथ काफी समय तक भटकती रहीं। इस बीच में दो-तीन बार शिविर का भी चक्कर लगाया। समझ नहीं आ रहा था क्या करें। दो बजे के करीब लाउडस्पीकर पर घोषणा की गई। शिविर में पहुंचकर बेटे को गोद में लिया तो जान में जान आई।
आदर्श कल्याण समिति के अध्यक्ष भगवानदास सागर ने बताया कि कार्यकर्ताओं को पिंटू रोता हुआ मिला था। लाउडस्पीकर पर उसके बारे में घोषणा की। क्या कपड़े पहने है, इस बारे में बताया तो कुछ देर बाद ही मां-बाप शिविर में पहुंच गए।
मां की याद में फेंक दी आइसक्रीम
तीन साल का राजकुमार भी मां सीमा से बिछुड़ गया था। रोता रहा। समिति के कार्यकर्ता उसे खोया-पाया शिविर में ले गए। आइसक्रीम दी लेकिन राजकुमार ने उसे फेंक दिया और रोता रहा। चाचा रोहित को पता चला कि बच्चा शिविर में है तो उसे लेने पहुंच गए। उन्होंने बताया कि बच्चा हाथ छुड़ाकर भटक गया था।
11 बच्चों को माता-पिता से मिलाया
भगवानदास सागर ने बताया कि मेले में 11 बच्चे माता-पिता से बिछुड़ गए थे। समिति के सदस्यों के प्रयास से सभी अपने माता-पिता के पास सकुशल पहुंच गए।
विस्तार
आगरा में शीतला माता के मेले में सोमवार को बेटे पिंटू का हाथ छूटा तो मां सुनीता की तो जैसे दुनिया ही लुट गई। बदहवास सी हो गईं। इधर से उधर दौड़ते हुए पिंटू-पिंटू की आवाज लगाई। आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। करीब एक घंटे बाद पता चला कि बेटा सकुशल खोया-पाया शिविर में है। दौड़कर पहुंची और बेटे को गोद में उठा लिया। आंसू पोंछते हुए 15 मिनट तक उसे दुलारती जातीं।
नरीपुरा निवासी सुनीता पति महेश के साथ केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग पर लगे मेले में दोपहर 12 बजे के करीब पहुंची थीं। एक घंटे तक दोनों पिंटू के साथ घूमते रहे। सुनीता ने बताया कि दोपहर एक बजे के करीब पता नहीं कैसे पिंटू का हाथ छूट गया। पता चला तो पति के साथ काफी समय तक भटकती रहीं। इस बीच में दो-तीन बार शिविर का भी चक्कर लगाया। समझ नहीं आ रहा था क्या करें। दो बजे के करीब लाउडस्पीकर पर घोषणा की गई। शिविर में पहुंचकर बेटे को गोद में लिया तो जान में जान आई।
आदर्श कल्याण समिति के अध्यक्ष भगवानदास सागर ने बताया कि कार्यकर्ताओं को पिंटू रोता हुआ मिला था। लाउडस्पीकर पर उसके बारे में घोषणा की। क्या कपड़े पहने है, इस बारे में बताया तो कुछ देर बाद ही मां-बाप शिविर में पहुंच गए।
[ad_2]
Source link