आगरा के खंदौली में फार्च्यूनर गाड़ी का सौदा कर 27.25 लाख रुपये हड़पने के मामले में फरार पूर्व भाजयुमो पदाधिकारी दिव्या चौहान सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी 12 दिन बाद भी नहीं हो सकी है। पीड़ित भटकने को मजबूर है। बृहस्पतिवार को उन्होंने एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया।
बमरौली कटारा निवासी रिहान खान ने दो अक्तूबर को नाऊ की सराय निवासी पूर्व भाजयुमो नेता दिव्या चौहान और उनके भाई उपदेश चौहान से उनकी फॉर्च्यूनर कार का सौदा 30.25 लाख रुपये में किया था। उनसे 27.25 लाख रुपये और बाकी रकम का चेक ले लिया गया लेकिन कार नहीं दी। आरोप है कि रिहान और उनके साथियों की पिटाई भी की गई। मामले में दिव्या चौहान, उपदेश, अमित सिंह और रिषभ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने अगले दिन कार बरामद कर ली थी।
संबंधित खबर- धोखाधड़ी का मामला: फरार भाजयुमो नेता दिव्या चौहान ने आरटीओ में ब्लैक लिस्ट करवाई कार, पुलिस देती रही दबिश
पीड़ित रिहान खान ने बृहस्पतिवार को एसएसपी ऑफिस में प्रार्थनापत्र दिया। उन्होंने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है, जबकि उनसे रकम ले ली गई थी। वह भटकने को मजबूर हैं।
पीड़ित ने कहा कि रकम वापस नहीं हो रही है। गाड़ी भी नहीं मिल पा रही है। जल्द आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि मामले में कार्रवाई की जा रही है।
धोखाधड़ी का मामला सामने आने के एक सप्ताह बाद भाजयुमो ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष मनीष गौतम ने दिव्या चौहान को पदमुक्त कर दिया था। वह भाजयुमो की ब्रज क्षेत्र मंत्री थीं।
पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश का दावा करती रही, लेकिन दिव्या चौहान ने फरार होने से पहले ही आरटीओ में तहरीर की कॉपी देकर अपनी गाड़ी को ब्लैक लिस्ट में डलवा दिया था। इसकी भनक भी नहीं लग सकी थी।