Agra: गैस गीजर चालू करते समय सिलिंडर में लगी आग, पुत्र सहित दंपती झुलसे, पति की हालत गंभीर

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आग से झुलसा मासूम बालक

आग से झुलसा मासूम बालक
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के शमसाबाद रोड स्थित ब्रह्मपुरी कॉलोनी निवासी रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी अशोक अग्रवाल के घर में रविवार सुबह गैस के गीजर में सिलिंडर लगाते समय हादसा हो गया। सिलिंडर में लीकेज से आग लग गई। बाथरूम में अशोक और उनका सात साल का बेटा फंस गए। पत्नी ने शोर मचाया तो पड़ोसी आ गए। उन्होंने दरवाजा खोलकर दोनों को बाहर निकाला। आग से पति-पत्नी और बेटा झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

घटना सुबह तकरीबन 10 बजे की है। अशोक अग्रवाल बाथरूम में नहाने से पहले गैस गीजर का पाइप सिलिंडर में लगा रहे थे। पत्नी लता ने बताया कि वह खाना बना रही थी थीं। पति के साथ बेटा श्याम भी बाथरूम में मौजूद था। गैस गीजर लगाते समय अचानक आग लग गई। आग लगते ही बाथरूम का दरवाजा बंद हो गया। बेटे और पति की चीख सुनकर वह दौड़ पड़ीं। खिड़की से लपटें निकल रहीं थीं। उन्होंने दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन खुला नहीं। इस पर उन्होंने शोर मचाया। इस पर पड़ोसी आ गए। उन्होंने किसी तरह बाथरूम का दरवाजा खोला। इसके बाद आग बुझाई। आग बुझाने में उनका चेहरा और बाल भी झुलस गए। तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अशोक अग्रवाल 60 फीसदी तक झुलस गए हैं। उनकी हालत गंभीर है। बेटा भी झुलसा है। आशंका है कि गीजर का पाइप लगाते समय सिलिंडर में लीकेज हो गया। इससे आग लग गई। आग से घर का कुत्ता और पौधे भी जल गए हैं। परिजन ने पुलिस को सूचना नहीं दी है। थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है।

गैस गीजर ले चुके हैं जान

शहर में गैस गीजर से हादसे का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 25 फरवरी 2019 को पांडव नगर, शाहगंज में व्यापारी रोहित धूपड़ के घर में हादसा हुआ था। उनकी पत्नी और दो बेटियों के शव बाथरूम में मिले थे। बाथरूम में गैस गीजर लगा हुआ था। सिलिंडर खाली हो गया था। इससे आशंका जाहिर की गई थी कि दम घुटने से तीनों की मौत हुई है। इससे पहले न्यू आगरा क्षेत्र में भी दंपती की मौत दम घुटने हो गई थी। बल्केश्वर में भी एक की जान गई थी।

सर्दी आने वाली हैं, हो जाएं सावधान

सर्दी का मौसम आने वाला है। घरों में पुराने गीजर लगे हुए हैं। नए गीजर भी लोग लगवाते हैं। आगरा कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित अग्रवाल ने गीजर के उपयोग में सावधान रहने की सलाह दी है।
– गीजर चालू होने पर कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड बनती हैं। इससे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इस कमी को पूरा करने के लिए बाथरूम में जंगला होना चाहिए, जिससे हवा मिलती रहे। 
– ऑक्सीजन की कमी होने पर व्यक्ति की श्वसन क्रिया पर असर पड़ता है। यह पूरी नहीं हो पाती है। ज्यादा देर तक रहने पर बेहोश होने के बाद जान तक चली जाती है। जंगला लगा होने पर बाहर की हवा मिलती रहेगी।
– गीजर का सिलिंडर बाथरूम से बाहर लगाया जाना चाहिए, क्योंकि सिलिंडर से लीकेज होने पर अंदर मौजूद व्यक्ति सुरक्षित रहेगा। बाहर आग भी आसानी से बुझाई जा सकेगी।
– पुराने गीजर को कारीगर को दिखा लें, जिससे लीकेज के बारे में पता किया जा सके।

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आगरा के शमसाबाद रोड स्थित ब्रह्मपुरी कॉलोनी निवासी रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी अशोक अग्रवाल के घर में रविवार सुबह गैस के गीजर में सिलिंडर लगाते समय हादसा हो गया। सिलिंडर में लीकेज से आग लग गई। बाथरूम में अशोक और उनका सात साल का बेटा फंस गए। पत्नी ने शोर मचाया तो पड़ोसी आ गए। उन्होंने दरवाजा खोलकर दोनों को बाहर निकाला। आग से पति-पत्नी और बेटा झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

घटना सुबह तकरीबन 10 बजे की है। अशोक अग्रवाल बाथरूम में नहाने से पहले गैस गीजर का पाइप सिलिंडर में लगा रहे थे। पत्नी लता ने बताया कि वह खाना बना रही थी थीं। पति के साथ बेटा श्याम भी बाथरूम में मौजूद था। गैस गीजर लगाते समय अचानक आग लग गई। आग लगते ही बाथरूम का दरवाजा बंद हो गया। बेटे और पति की चीख सुनकर वह दौड़ पड़ीं। खिड़की से लपटें निकल रहीं थीं। उन्होंने दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन खुला नहीं। इस पर उन्होंने शोर मचाया। इस पर पड़ोसी आ गए। उन्होंने किसी तरह बाथरूम का दरवाजा खोला। इसके बाद आग बुझाई। आग बुझाने में उनका चेहरा और बाल भी झुलस गए। तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अशोक अग्रवाल 60 फीसदी तक झुलस गए हैं। उनकी हालत गंभीर है। बेटा भी झुलसा है। आशंका है कि गीजर का पाइप लगाते समय सिलिंडर में लीकेज हो गया। इससे आग लग गई। आग से घर का कुत्ता और पौधे भी जल गए हैं। परिजन ने पुलिस को सूचना नहीं दी है। थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है।

गैस गीजर ले चुके हैं जान

शहर में गैस गीजर से हादसे का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 25 फरवरी 2019 को पांडव नगर, शाहगंज में व्यापारी रोहित धूपड़ के घर में हादसा हुआ था। उनकी पत्नी और दो बेटियों के शव बाथरूम में मिले थे। बाथरूम में गैस गीजर लगा हुआ था। सिलिंडर खाली हो गया था। इससे आशंका जाहिर की गई थी कि दम घुटने से तीनों की मौत हुई है। इससे पहले न्यू आगरा क्षेत्र में भी दंपती की मौत दम घुटने हो गई थी। बल्केश्वर में भी एक की जान गई थी।

सर्दी आने वाली हैं, हो जाएं सावधान

सर्दी का मौसम आने वाला है। घरों में पुराने गीजर लगे हुए हैं। नए गीजर भी लोग लगवाते हैं। आगरा कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित अग्रवाल ने गीजर के उपयोग में सावधान रहने की सलाह दी है।

– गीजर चालू होने पर कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड बनती हैं। इससे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इस कमी को पूरा करने के लिए बाथरूम में जंगला होना चाहिए, जिससे हवा मिलती रहे। 

– ऑक्सीजन की कमी होने पर व्यक्ति की श्वसन क्रिया पर असर पड़ता है। यह पूरी नहीं हो पाती है। ज्यादा देर तक रहने पर बेहोश होने के बाद जान तक चली जाती है। जंगला लगा होने पर बाहर की हवा मिलती रहेगी।

– गीजर का सिलिंडर बाथरूम से बाहर लगाया जाना चाहिए, क्योंकि सिलिंडर से लीकेज होने पर अंदर मौजूद व्यक्ति सुरक्षित रहेगा। बाहर आग भी आसानी से बुझाई जा सकेगी।

– पुराने गीजर को कारीगर को दिखा लें, जिससे लीकेज के बारे में पता किया जा सके।

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