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मोहब्बत की नगरी आगरा के रहने वाले अनिल की जान बचाने के लिए उनकी पत्नी डोली ने जो किया, वो एक मिशाल है। दरअसल अनिल की दोनों किडनी खराब थीं। किडनी का ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन समस्या डोनर की थी। अनिल की मां ने पहले तो हामी भर दी, लेकिन उनकी किडनी जांच में फिट नहीं थी। इसके बाद अनिल की पत्नी ने पति को किडनी देने का फैसला लिया।
सत्यमेव जयते ट्रस्ट की मदद से मरीज अनिल का किडनी ट्रांसप्लांट हो गया। ऑपरेशन सफल रहा है। अनिल की मां मोनू देवी की किडनी जांच में फिट न मिलने पर अनिल की पत्नी डोली ने अपनी किडनी दे दी। नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर में 22 फरवरी को अनिल का किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए ऑपरेशन हुआ। ट्रस्ट की पहल पर उसे मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 4,75,000 रुपये की मदद भी मिली है।
मरीज के ऑपरेशन, जांच, आने-जाने आदि में कुल खर्च 12,00,000 रुपये हुआ है। आगरा कैंट क्षेत्र में किराये पर रहने वाले अनिल कुमार (31 वर्ष) की दोनों किडनी खराब थी। चार साल से ट्रस्ट के सहयोग से डायलिसिस हो रही थी। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हॉस्पिटल से अनिल की छुट्टी हो गई है। उसे अभी 2-3 महीने आइसोलेशन में रहना होगा। इसके लिए नोएडा में ही दो कमरे की व्यवस्था की गई है। महामंत्री गौतम सेठ व रोहित अग्रवाल का सराहनीय सहयोग रहा। अध्यक्ष मुकेश जैन ने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया है।
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