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दिल्ली एनसीआर का गैंग व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाता था। गूगल और जस्ट डायल से मोबाइल नंबर लेकर कॉल करते थे। सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा देते थे। कागजात की मदद से लोन पास कराते थे। इसके बाद चेक लगाकर खाते से रकम निकालते थे। आगरा के थाना छत्ता पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर गैंग का पर्दाफाश कर दिया।
छत्ता के अनिल कुमार जैन के साथ वारदात हुई थी। उनकी मेसर्स अप टू डेट पैकर्स के नाम से जूते के डिब्बे की फैक्टरी है। 21 जुलाई को आशीष नामक युवक ने उन्हें कॉल कर कहा कि आपको लोन की आवश्यकता है। मैं आईसीआईसीआई बैंक से लोन करा दूंगा। दो दिन बाद नीरज और प्रशांत सिंह नाम के युवक फैक्टरी में सर्वे करने आ गए।
इसके बाद 28 जुलाई को घर आकर आधार कार्ड, पेन कार्ड, बिजली बिल, फर्म की बैलेंसशीट, एमएसएमई सर्टिफिकेट, छह चेक लेकर गए। एक अगस्त को मोबाइल पर खाते से संदीप शर्मा नामक युवक के नाम से बैंक में फर्जी आईडी लगाकर 6.20 लाख रुपये निकालने की जानकारी मिली। मामले में थाना छत्ता में मुकदमा दर्ज किया गया।
गैंग के सदस्य मैजिक पेन का करते हैं प्रयोग
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि कार सहित जीवनी मंडी इलाके से चार अभियुक्तों को पकड़ा है। उनसे छह लाख रुपये, चार मोबाइल, चेक, आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित अन्य कागजात बरामद किए। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वह लोगों के मोबाइल नंबर गूगल से सर्च करके या जस्ट डायल से निकालते हैं। कॉल कर लोन दिलाने का झांसा देते हैं।
उक्त व्यक्ति से कागजात के साथ बैंक के चेक लेते हैं। चेक पर मैजिक पेन से कैंसल लिख देते हैं। सही पेन से हस्ताक्षर कराते हैं। मैजिक पेन की स्याही, गर्मी के संपर्क में आने पर उड़ जाती है। जिन खातों के चेक दिए जाते हैं, उनमें लोन की रकम ट्रांसफर कराते हैं। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड दिखाकर चेक के माध्यम से निकाल लेते हैं। खाताधारक के नंबर को भी फॉरवर्ड कर देते हैं।
अलीगढ़ और मेरठ में भी की वारदात
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने चार जुलाई को अलीगढ़ में 2.90 लाख रुपये केनरा बैंक से निकाले थे। सात जुलाई को मेरठ में 3.20 लाख रुपये पंजाब एंड सिंध बैंक से निकाले थे।
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
गिरफ्तार आरोपियों में नई दिल्ली निवासी अशोक शर्मा, गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी कमल शर्मा, अनिल कुमार और गुरुग्राम निवासी देवेंद्र सिंह हैं। उनसे छह लाख रुपये, कार, चार मोबाइल, कागजात मिले हैं।
विस्तार
दिल्ली एनसीआर का गैंग व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाता था। गूगल और जस्ट डायल से मोबाइल नंबर लेकर कॉल करते थे। सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा देते थे। कागजात की मदद से लोन पास कराते थे। इसके बाद चेक लगाकर खाते से रकम निकालते थे। आगरा के थाना छत्ता पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर गैंग का पर्दाफाश कर दिया।
छत्ता के अनिल कुमार जैन के साथ वारदात हुई थी। उनकी मेसर्स अप टू डेट पैकर्स के नाम से जूते के डिब्बे की फैक्टरी है। 21 जुलाई को आशीष नामक युवक ने उन्हें कॉल कर कहा कि आपको लोन की आवश्यकता है। मैं आईसीआईसीआई बैंक से लोन करा दूंगा। दो दिन बाद नीरज और प्रशांत सिंह नाम के युवक फैक्टरी में सर्वे करने आ गए।
इसके बाद 28 जुलाई को घर आकर आधार कार्ड, पेन कार्ड, बिजली बिल, फर्म की बैलेंसशीट, एमएसएमई सर्टिफिकेट, छह चेक लेकर गए। एक अगस्त को मोबाइल पर खाते से संदीप शर्मा नामक युवक के नाम से बैंक में फर्जी आईडी लगाकर 6.20 लाख रुपये निकालने की जानकारी मिली। मामले में थाना छत्ता में मुकदमा दर्ज किया गया।
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