Agra: व्यापारी को अगवा कर हाथ-पैर बांधे, जंगल में फेंका, महिला ने साथी के साथ मिलकर की वारदात

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आगरा के ताजगंज क्षेत्र में महिला और उसके साथी ने एक टायर व्यापारी को बेहोश कर अगवा कर लिया। हाथ-पैर बांधकर उन्हें जंगल में फेंक दिया। चार दिन बाद व्यापारी को होश आया। वह घायल हालत में थे। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

तोरा चौकी क्षेत्र के दौलत नगर निवासी मुकील का पुराने टायरों का काम है। उन्होंने पुलिस को बताया कि 27 अगस्त को पत्नी मेहनाज का पड़ोस की फरा (पत्नी अबरार) से झगड़ा हो गया था। बाद में दोनों ने समझौता कर लिया। रात आठ बजे वह घर से बाजार जाने के लिए निकले। 

कपड़ा डालकर मुंह दबाया 

आरोप है कि पड़ोसी रिजवाना ने तोरा चौकी के पीछे बुलाया। वह पहुंच गए। वहां रिजवाना ने जान से मारने की धमकी दी। इसी बीच रिजवाना का साथी साहिल भी आ गया। उसने पीछे से कपड़ा डालकर मुंह दबा दिया। इससे वह बेहोश हो गए। 31 अगस्त को होश आया तो जंगल में थे। हाथ-पैर बंधे थे।

व्यापारी के शरीर पर चोट के निशान थे। उन्हें मरा समझकर आरोपी छोड़ गए थे। गांव के लोगों ने आकर उन्हें खोला। मुकील के मुताबिक फरा और रिजवाना दोनों पड़ोसी हैं और आपस में परिचित भी हैं। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

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थाना प्रभारी भूपेंद्र बालियान ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रिजवाना, फरा और साहिल को नामजद किया गया है। विवेचना की जा रही है।

विस्तार

आगरा के ताजगंज क्षेत्र में महिला और उसके साथी ने एक टायर व्यापारी को बेहोश कर अगवा कर लिया। हाथ-पैर बांधकर उन्हें जंगल में फेंक दिया। चार दिन बाद व्यापारी को होश आया। वह घायल हालत में थे। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

तोरा चौकी क्षेत्र के दौलत नगर निवासी मुकील का पुराने टायरों का काम है। उन्होंने पुलिस को बताया कि 27 अगस्त को पत्नी मेहनाज का पड़ोस की फरा (पत्नी अबरार) से झगड़ा हो गया था। बाद में दोनों ने समझौता कर लिया। रात आठ बजे वह घर से बाजार जाने के लिए निकले। 

कपड़ा डालकर मुंह दबाया 

आरोप है कि पड़ोसी रिजवाना ने तोरा चौकी के पीछे बुलाया। वह पहुंच गए। वहां रिजवाना ने जान से मारने की धमकी दी। इसी बीच रिजवाना का साथी साहिल भी आ गया। उसने पीछे से कपड़ा डालकर मुंह दबा दिया। इससे वह बेहोश हो गए। 31 अगस्त को होश आया तो जंगल में थे। हाथ-पैर बंधे थे।

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