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पेंटेड स्टॉर्क : आकर्षण ऐसा, मनो पेंटर ने भरे हों रंग
हिमालय क्षेत्र से चंबल पहुंचे पेंटेडेड स्टॉर्क (पीली चोंच वाले सारस) का आकर्षण ऐसा है कि मानो किसी पेंटर ने ब्रश से रंग भरे हों। इसका वैज्ञानिक नाम मायक्टेरिया ल्यूकोसेफला है। लंबी, पतली टांग, नुकीली चोंच दूसरे पक्षियों से पेंटेड स्टार्क को अलग करती है। पेंटेड स्टार्क पानी में सात सेमी की गहराई तक घुसकर अपना शिकार पकड़ लेते हैं। इनकी लंबाई औसतन एक मीटर, पंखों का फैलाव औसतन डेढ़ मीटर, वजन 2 से 3.5 किलो होता है।
मनमोह लेती है रुडी शेल्डक की इंद्रधनुषी छटा
यूरोप, एशिया एवं अफ्रीका से चंबल का रुख करने वाली रुडी शेल्डक (ब्रह्मनी डक) की सतरंगी छटा पर्यटकों का मन मोह लेती है। स्थानीय लोग इस चिड़िया को सुरखाब और चकवा-चकवी के नाम से पुकारते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम टैडोरना फेरूजीनिया है। अंकुर, कलियां, घास, पत्तियां एवं कीट पतंगे इनका भोजन होते हैं। इनकी लंबाई 60-70 सेमी, वजन 1200-1600 ग्राम होता है। गला सिर तक पीला होता है।
रोमांचित करता है ग्रे हेरॉन के उड़ने का अंदाज
यूरोप, एशिया, अफ्रीका से चंबल पहुंचे ग्रे हेरॉन के उड़ने का अंदाज रोमांचित कर देता है। इनका वैज्ञानिक नाम अर्डिया सिनेरिया तथा स्थानीय नाम भूरा बगुला है। इसके सिर पर मुकुट, गाल, ठुड्डी और गर्दन के किनारे सफेद होते हैं। चोंच लंबी नारंगी और पैर गुलाबी होते हैं। इनकी लंबाई करीब एक मीटर, वजन एक से डेढ़ किलोग्राम, पंख फैलाव 175-200 सेमी होता है। नर-मादा एक जैसे होते हैं, नर मादा के मुकाबले कुछ बडे़ होते हैं।
व्हिसलिंग टील की भा रही सीटी सी आवाज
सर्दी के मौसम में इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और म्यांमार से चंबल का रुख करने वाली व्हिसलिंग टील की सीटी सी आवाज स्थानीय लोगों को मंत्र मुग्ध कर देती है। इनका स्थानीय नाम सिली (सिल्ही) है। वैज्ञानिक नाम डेंड्रोसाइग्ना जावनिका है। शिकार के दौरान इनकी जलक्रीड़ा पर्यटकों को रोमांचित कर देती है। इनकी चोंच और पैर स्लेटी नीले-भूरे रंग के होते हैं। करीब 40 सेमी आकार वाली चिड़ियों का वजन 500-600 ग्राम होता है।
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