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डॉ. सुमित अग्रवाल ने आरोप लगाया कि नरेश मंगला दीप्ति के आगरा में रहने के दौरान उनके नाम से हस्ताक्षर कर सर्टिफिकेट जारी करते थे। दीप्ति की मौत के बाद भी यह फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इस काम में उनके परिजन और अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने इसमें संपत्ति हड़पने की साजिश रचने और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी के भी आरोप लगाए हैं।
थाना रकाबगंज के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। घटनास्थल कोसी क्षेत्र का है। इस पर मुकदमा संबंधित थाने में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
गोद ली बच्ची का गलत प्रमाणपत्र बनाया
डॉ. सुमित ने प्रार्थनापत्र में कहा है कि पत्नी डॉ. दीप्ति को ससुर ने एक बच्ची को गोद दिलाया। 6 जून, 2018 को गोदनामा पर हस्ताक्षर किए थे। बाद में नरेश मंगला ने बच्ची को अपने हॉस्पिटल में दीप्ति से पैदा होना दर्शाते हुए फर्जी प्रमाणपत्र बनाया।
क्लोजर रिपोर्ट के विरोध पर लगा रहे आरोप
मामले में डॉ. नरेश मंगला का कहना है कि बेटी की मौत के मामले में दामाद डॉ. सुमित, समधी डॉ. एससी अग्रवाल सहित ससुरालियों के खिलाफ दहेज मृत्यु का केस में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। उन्होंने इसका विरोध किया है। कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ समन जारी हो गए हैं। मुझे तोड़ने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। दीप्ति की बेटी की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। मुझे कई बार धमकी दे चुके हैं। इस संबंध में एक रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
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