आगरा के अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन 9 ने आईसीआईसीआई बैंक की निवर्तमान प्रबंध निदेशक चंदा कोचर सहित 10 लोगों को समन जारी करने के आदेश किए हैं। सभी को मुकदमे के विचारण के लिए 20 दिसंबर को तलब किया है। मामला धोखाधड़ी और अवैध वसूली का है।
शहीद नगर स्थित उपाध्याय कांप्लेक्स निवासी पदमचंद बंसल ने अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन 9 की कोर्ट में धोखाधड़ी, अवैध वसूली व अन्य धाराओं के तहत परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें कहा कि उनका ऑटो फाइनेंस का कारोबार है। उन्हें रकम की आवश्यकता थी। इस पर आईसीआईसीआई बैंक की संजय प्लेस, शाखा में संपर्क किया। बैंक अधिकारियों ने बताया कि ब्याज दर रिजर्व बैंक के रेट के मुताबिक, तय होंगी। सभी दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बैंक से 28 जनवरी 2005 को 33 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हो गया।
भुगतान के बाद किश्त बढ़ाईं
पदमचंद बंसल के मुताबिक बैंक ने 41804 रुपये प्रति महीने की 120 किश्त बनाईं। इस हिसाब से 50.16 लाख रुपये का भुगतान करना था। इस रकम का भुगतान करने के बावजूद किश्त और बढ़ा दीं। उन्होंने इसका विरोध किया। ऑटो डेबिट खाते को बंद कर दिया। उन्होंने चेक से भुगतान करना शुरू कर दिया। चेक लेने के बाद भी बैंक ने ऑटो डेबिट डाल दिया। ब्याज दर बढ़ाकर 16.5 प्रतिशत कर दी। इसका विरोध करने पर एकमुश्त भुगतान को कहा। क्लोजर चार्ज की भी मांग की। पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने पर समस्या का समाधान नहीं हुआ।
कोर्ट ने दिया समन जारी करने का आदेश
अधिवक्ता नरेंद्र सिंह परिहार के माध्यम से अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया। अदालत ने मुकदमे के विचारण के लिए विपक्षियों निदेशक (आईसीआईसीआई बैंक टावर चकली सर्किल पास पुराना पादरा रोड, बडोदरा, गुजरात), प्रबंध निदेशक (कॉरपोरेट कार्यालय टावर बांद्रा कुर्ला भवन, बांद्रा, मुंबई), निवर्तमान प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, संजय प्लेस कार्यालय के क्षेत्रीय प्रबंधक अमित चौहान, निवर्तमान प्रबंध निदेशक (कॉरपोरेट कार्यालय मुंबई) केवी कामत, प्रबंधक नितिन पल्ली, साकेत कॉलोनी शाखा के प्रबंधक सौरभ, उप प्रबंधक (शाखा नोएडा) सिल्की विज, मैनेजर सुरेश और शाखा प्रबंधक संजय प्लेस के खिलाफ समन जारी करने के आदेश किए हैं।
आगरा के अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन 9 ने आईसीआईसीआई बैंक की निवर्तमान प्रबंध निदेशक चंदा कोचर सहित 10 लोगों को समन जारी करने के आदेश किए हैं। सभी को मुकदमे के विचारण के लिए 20 दिसंबर को तलब किया है। मामला धोखाधड़ी और अवैध वसूली का है।
शहीद नगर स्थित उपाध्याय कांप्लेक्स निवासी पदमचंद बंसल ने अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन 9 की कोर्ट में धोखाधड़ी, अवैध वसूली व अन्य धाराओं के तहत परिवाद प्रस्तुत किया। इसमें कहा कि उनका ऑटो फाइनेंस का कारोबार है। उन्हें रकम की आवश्यकता थी। इस पर आईसीआईसीआई बैंक की संजय प्लेस, शाखा में संपर्क किया। बैंक अधिकारियों ने बताया कि ब्याज दर रिजर्व बैंक के रेट के मुताबिक, तय होंगी। सभी दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बैंक से 28 जनवरी 2005 को 33 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हो गया।
भुगतान के बाद किश्त बढ़ाईं
पदमचंद बंसल के मुताबिक बैंक ने 41804 रुपये प्रति महीने की 120 किश्त बनाईं। इस हिसाब से 50.16 लाख रुपये का भुगतान करना था। इस रकम का भुगतान करने के बावजूद किश्त और बढ़ा दीं। उन्होंने इसका विरोध किया। ऑटो डेबिट खाते को बंद कर दिया। उन्होंने चेक से भुगतान करना शुरू कर दिया। चेक लेने के बाद भी बैंक ने ऑटो डेबिट डाल दिया। ब्याज दर बढ़ाकर 16.5 प्रतिशत कर दी। इसका विरोध करने पर एकमुश्त भुगतान को कहा। क्लोजर चार्ज की भी मांग की। पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने पर समस्या का समाधान नहीं हुआ।