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आगरा में मेट्रो डिपो में चलती ट्रेन की धुलाई मशीनों से होगी। इसके लिए अत्याधुनिक ऑटो कोच मशीनें लगेंगी। प्लेटफॉर्म तैयार हो गया है। साथ ही एलिवेटिड सेक्शन में ट्रेन के चढ़ने-उतरने के लिए 140 मीटर लंबा रैंप बन रहा है। दिसंबर तक पहली मेट्रो डिपो तैयार हो जाएगी।
पीएसी मैदान में 112 करोड़ रुपये से पहली मेट्रो डिपो बन रही है। यह सिकंदरा से ताजपूर्वी गेट तक पहले कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों के लिए होगी। डिपो में 80 फीसदी ढांचा खड़ा हो गया है। स्टेबलिंग शेड, ऑटो कोच वॉश, इंटीग्रेटिड कमांड सेंटर, व्हील शेड, वर्कशॉप के अलावा वॉटर रिचार्जिंग के लिए शोक पिट बनाए जा रहे हैं।
वॉशिंग प्लांट होगा आधुनिक
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद राय ने बताया कि दिसंबर 2022 तक पूरी डिपो तैयार हो जाएगी। स्टेबलिंग शेड में अगले सप्ताह से धातु की चादर चढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वॉशिंग प्लांट आधुनिक होगा। जहां चलती हुई ट्रेन की धुलाई होगी। इसके लिए आडे़-तिरछे ब्रुश लगेंगे। जो ट्रेन की छत के अलावा अंदर व बाहर से सफाई करेंगे।
वॉशिंग प्लांट जीरो वेस्ट पर आधारित होगा। मेट्रो कोच व ट्रेन की धुलाई में इस्तेमाल होने वाले पानी का फेंका नहीं जाएगा। इसे दोबारा रिसाइकिल कर अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। फतेहाबाद रोड के एलिवेटिड भाग को डिपो से जोड़ने के लिए रैंप बनाने का काम शुरू हो गया है। दूसरी तरफ भूमिगत सेक्शन को जोड़ने के लिए पुरानी मंडी चौराहा पर बनेगा। जहां से भूमिगत सेक्शन में चलने वाली ट्रेन डिपो में आएगी।
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