Agra Metro: देश में पहली बार मेट्रो में हो रहा आर्च गर्डर का इस्तेमाल, जानें इस तकनीक की खासियत

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Sun, 22 May 2022 10:28 PM IST

सार

फतेहाबाद रोड पर एलिवेटिड सेक्शन के सिविल कार्य के दौरान ट्रैक क्रॉसओवर के लिए आर्च गर्डर का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक से यातायात बाधित नहीं होता है। 

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देश में पहली बार आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में आर्च गर्डर का उपयोग किया जा रहा है। इसे हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से एलिवेटिड सेक्शन के पिलर पर रखा जाता है। इसका इस्तेमाल ट्रैक क्रॉसओवर के लिए होता है। आर्च गर्डर से यातायात बाधित नहीं होता। कार्य के दौरान समय की बचत होती है।

फतेहाबाद रोड पर 273 करोड़ रुपये की लागत से ताजपूर्वी, बसई और फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन बन रहे हैं। ताजपूर्वी से बसई तक एलिवेटिड कॉरिडोर की बायडक्ट तैयार हो गई है। अब बसई से फतेहाबाद सेक्शन के बीच वायडक्ट बनाने के लिए आर्च गर्डर का प्रयोग किया जा रहा है। 

नहीं बाधित होता है यातायात 

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार आर्च गर्डर का प्रयोग पहली बार देश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा यह नई तकनीक है। इसमें प्री कास्ट आर्च गर्डर का क्रेन की मदद से पिलर कैप के ऊपर जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान यातायात नहीं रुकता। एक तरफ कार्य चलत रहता है, दूसरी तरफ यातायात चलता रहता है। 

दिसंबर 2022 तक बन जाएंगे तीन स्टेशन 

आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के निदेशक अरविंद राय ने बताया कि दिसंबर 2022 तक तीनों स्टेशन का काम पूरा हो जाएगा। पहले मेट्रो स्टेशन पर फिनिशिंग कार्य शुरू हो गया है। करीब दो किमी. कॉरिडोर बन चुका है। आर्च गर्डर रखने के बाद कॉरिडोर का आकार नजर आने लगा है। 

उन्होंने बताया कि पीएसी मैदान में बन रही पहली डिपो में भी निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहे हैं। यहां ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा भूमिगत सात मेट्रो स्टेशन में सबसे पहले आगरा फोर्ट मेट्रो स्टेशन पर काम शुरू किया है।

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आगरा मेट्रो आंकड़ों की नजर से 

  • 8379 करोड़ रुपये का मेट्रो प्रोजेक्ट
  • 4300 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा यूरोपियन निवेश बैंक
  • 1820 करोड़ रुपये से बन रहे सात भूमिगत स्टेशन
  • 273 करोड़ रुपये से बन रहे तीन एलिवेटिड स्टेशन
  • 112 करोड़ रुपये से बन रही पीएसी मैदान में डिपो
  • 29 किमी. लंबाई में दो मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे शहर में
  • कुल 27 स्टेशन बनेंगे, सात भूमिगत, 20 एलिवेटिड

विस्तार

देश में पहली बार आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में आर्च गर्डर का उपयोग किया जा रहा है। इसे हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से एलिवेटिड सेक्शन के पिलर पर रखा जाता है। इसका इस्तेमाल ट्रैक क्रॉसओवर के लिए होता है। आर्च गर्डर से यातायात बाधित नहीं होता। कार्य के दौरान समय की बचत होती है।

फतेहाबाद रोड पर 273 करोड़ रुपये की लागत से ताजपूर्वी, बसई और फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन बन रहे हैं। ताजपूर्वी से बसई तक एलिवेटिड कॉरिडोर की बायडक्ट तैयार हो गई है। अब बसई से फतेहाबाद सेक्शन के बीच वायडक्ट बनाने के लिए आर्च गर्डर का प्रयोग किया जा रहा है। 

नहीं बाधित होता है यातायात 

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार आर्च गर्डर का प्रयोग पहली बार देश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा यह नई तकनीक है। इसमें प्री कास्ट आर्च गर्डर का क्रेन की मदद से पिलर कैप के ऊपर जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान यातायात नहीं रुकता। एक तरफ कार्य चलत रहता है, दूसरी तरफ यातायात चलता रहता है। 

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