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आगरा नगर निगम सदन में बुधवार को हंगामे की वजह से जनहित के 70 प्रस्ताव धरे रह गए। उन पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। चुनावी साल में ज्यादातर पार्षदों ने विकास कार्य, सड़क निर्माण, नाली, सीवर समस्या और स्ट्रीट लाइटों के प्रस्ताव लगाए थे। सदन में जय श्रीराम और जय भीम के नारों के बीच आम लोगों की आवाज नहीं उठाई जा सकी।
कांग्रेस पार्षद शिरोमणि सिंह ने कहा कि जनहित के मुद्दों की जगह भाजपा ने विवादित मुद्दों को हवा देकर सदन को जानबूझकर स्थगित कराया है। भाजपा नहीं चाहती कि विकास कार्यों पर चर्चा हो। निगम के पास पैसा ही नहीं है।
वहीं, मेयर नवीन जैन के मुताबिक उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। बौद्ध स्तूप के गेट के विरोध में कोई नहीं था। यह प्रस्ताव कार्यकारिणी में उनके सामने लाया गया और पास किया गया। कोई आपत्ति होती तो कार्यकारिणी में पास ही नहीं होता लेकिन पार्षदों ने सड़क की चौड़ाई कम होने और विकल्प की बात की थी, जो सुनी जानी चाहिए थी।
ये प्रस्ताव जो हंगामे से रुक गए
– सीवर लाइन के चोक, उफनने पर वबाग को सफाई के निर्देश
– मालवीय कुंज में बंटवारे के बाद आए लोगों के लिए नामांकन
– जीआईएस सर्वे में गृहकर वसूली के नोटिस में गड़बड़ियों की जांच
– स्ट्रीट लाइट के लिए सामान की कमी और स्टाफ तैनात करना
– नाई की सराय में 80 फुट रोड पर आरसीसी नाले का निर्माण प्रस्ताव
– गोकुलपुरा, बाड़ा चरन सिंह, ताल मंगलेश्वर में गंगाजल पाइपलाइन
– टोरंट द्वारा रोड कटिंग के बाद सड़कों का निर्माण न होने पर मरम्मत
– खतैना से बोदला चौराहे तक जर्जर सड़क का निर्माण करने का प्रस्ताव
– नगला परसोती में तालाब में गंदे पानी भरने से रोकने के लिए नाला
– वार्डों में सफाई कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए नई तैनाती
– डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में गलियों में रिक्शे, कर्मचारियों से उठान
– बारिश में जलभराव की स्थिति पर दोबारा नालों की सफाई, जांच की मांग
विस्तार
आगरा नगर निगम सदन में बुधवार को हंगामे की वजह से जनहित के 70 प्रस्ताव धरे रह गए। उन पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। चुनावी साल में ज्यादातर पार्षदों ने विकास कार्य, सड़क निर्माण, नाली, सीवर समस्या और स्ट्रीट लाइटों के प्रस्ताव लगाए थे। सदन में जय श्रीराम और जय भीम के नारों के बीच आम लोगों की आवाज नहीं उठाई जा सकी।
कांग्रेस पार्षद शिरोमणि सिंह ने कहा कि जनहित के मुद्दों की जगह भाजपा ने विवादित मुद्दों को हवा देकर सदन को जानबूझकर स्थगित कराया है। भाजपा नहीं चाहती कि विकास कार्यों पर चर्चा हो। निगम के पास पैसा ही नहीं है।
वहीं, मेयर नवीन जैन के मुताबिक उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। बौद्ध स्तूप के गेट के विरोध में कोई नहीं था। यह प्रस्ताव कार्यकारिणी में उनके सामने लाया गया और पास किया गया। कोई आपत्ति होती तो कार्यकारिणी में पास ही नहीं होता लेकिन पार्षदों ने सड़क की चौड़ाई कम होने और विकल्प की बात की थी, जो सुनी जानी चाहिए थी।
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