Agra News: अनुपम बिल्डर के निदेशक रामअवतार अग्रवाल और उनकी पत्नी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

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पुलिस हिरासत में बिल्डर और उनकी पत्नी

पुलिस हिरासत में बिल्डर और उनकी पत्नी
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के थाना कमला नगर पुलिस ने अनुपम बिल्डर के मालिक रामअवतार अग्रवाल और उनकी पत्नी शशिबाला अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। धोखाधड़ी के मामले में दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। उनके खिलाफ वर्ष 2018 में फिरोजाबाद की सेवानिवृत्त सीएमओ डाॅ. विमला सोलंकी ने थाना न्यू आगरा में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। बिल्डर का बेटा व अन्य भी नामजद थे।

पुलिस ने बताया कि टीचर्स काॅलोनी, लोहामंडी निवासी डाॅ. विमला सोलंकी फिरोजाबाद में सीएमओ के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में तत्कालीन एसएसपी से शिकायत की थी। उनकी आयु 70 वर्ष है। उन्होंने वर्ष 2012 में अनुपम ओकेरियन इंफ्रास्ट्रक्टर में फ्लैट देखे। पसंद आने पर छह फ्लैट खरीद लिए। चेक के माध्यम से रकम दी। तीन फ्लैट तैयार थे, जबकि तीन की छत नहीं बनी थी। इस पर और रकम दी थी। तीन फ्लैट पर बिल्डर ने कब्जा दे दिया। तीन अन्य को बेच दिए। उन्होंने खरीदार और बिल्डर सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

थाना कमला नगर के प्रभारी विपिन गौतम ने बताया कि सात दिसंबर 2018 को थाना न्यू आगरा में कमला नगर के बी ब्लाक निवासी रामअवतार अग्रवाल और उनकी पत्नी शशिबाला अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर धोखाधड़ी का आरोप था। उनके गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। वारंट थाने पर आए थे। इस पर पुलिस ने तामील कराया था। आरोपियों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

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प्रोजेक्ट पर ले रखा था लोन

डाॅ. विमला सोलंकी ने पुलिस को बताया था कि वह फ्लैट की जानकारी करने साइट गई थीं। वहां पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का बोर्ड लगा था। बिल्डर ने फ्लैट पर करोड़ों का लोन लिया था। इस पर बैंक ने बोर्ड लगा लिया था। जो फ्लैट उन्हें मिले थे, उस पर भी लोन लिया गया था। प्रोजेक्ट पर पहले से लोन था।

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बिल्डरों के खिलाफ कई मामले

शहर में बिल्डर की धोखाधड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी धोखाधड़ी के मामले आ चुके हैं। प्लॉट, फ्लैट और मकान के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी हो चुकी है। एक फ्लैट कई लोगों को बेचने के मामले आ चुके हैं। अंसल ग्रुप की धोखाधड़ी के 200 से ज्यादा लोग हैं। उन्हें बिचपुरी में जमीन, मकान और फ्लैट दिखाए गए थे। लोगों से रकम ले ली गई। मगर, कब्जा नहीं मिला। कई लोगों की रजिस्ट्री तक नहीं की गई। कई लोग आंदोलन भी कर रहे हैं। अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की जा चुकी है। पुलिस ने हाल ही में कंपनी के एकाउंटेंट और निदेशक को गिरफ्तार किया गया था। इससे पूर्व भी एक आरोपी गिरफ्तार हुआ था। इसके अलावा भी बिल्डर गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं।

बिल्डरों के खिलाफ 50 से ज्यादा मुकदमे

बिल्डरों के खिलाफ शिकायतों का अंबार है। 50 से अधिक मुकदमे प्रमुख बिल्डरों के खिलाफ दर्ज हैं। बीते एक साल में दो बिल्डरों को फर्जीवाडे, धोखाधड़ी के मामलों में जेल भेजा जा चुका है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस का रवैया ढिलाई का है, जिसमें आरोपियोंं को बचने का मौका दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए स्टे लिया हुआ है। एक्टिविस्ट शबी जाफरी का कहना है कि अगर, पुलिस त्वरित कार्रवाई करे तो आरोपी पकड़े जाएं। पीड़ितों को मुकदमा दर्ज कराने के लिए कई थाने से लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। मुकदमा दर्ज हो जाए तो कार्रवाई के लिए भटकना पड़ता है। गिरफ्तारी तक कराना आसान नहीं होता है।

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