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बता दें कि बीते दिनों चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ में कई इलाके डूब गए थे। बाह और पिनाहट के 20 से अधिक गांव पानी से घिरे रहे। अब बाढ़ का पानी उतरा तो मगरमच्छों का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, बाढ़ के पानी में बहकर मगरमच्छ जहां-तहां फंस गए है। अब यह आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। गुरुवार को पिनाहट ब्लॉक के उटसना गांव में इसी तरह का मामला सामने आया।
गांव उटसना के चरन सिंह गुरुवार की सुबह जब घर से बाहर निकले तो गली में मगरमच्छ को देखकर दंग गए। गांव में मगरमच्छ घुसने की सूचना पर ग्रामीण जुट गए। वन विभाग की सूचना दी गई।
सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने सावधानी बरतते हुए मगरमच्छ को पकड़ा। मगरमच्छ पांच फीट लंबा था। उसे चंबल नदी में छोड़ दिया गया है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है।
इस बार चंबल नदी की बाढ़ ने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आठ मीटर ऊपर पहुंच गया था, जिससे बाह और पिनाटह के कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है।
वन विभाग के मुताबिक 1979 में चंबल नदी को घड़ियाल और मगरमच्छ के संरक्षण के लिए चुना गया था। बाढ़ के पानी में घड़ियाल और मगरमच्छ बहकर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं।
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