Aligarh News: अपनी ही बंदूक से बीएसएफ जवान को लगी गोली, हुई मौत

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BSF jawan died due to bullet injury in village Bhadiyar

घटना स्थल पर पुलिस अधिकारी जांच करते हुए
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


अलीगढ़ में पिसावा के गांव बसेरा के मजरा भदियार में रविवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे बीएसएफ जवान की गोली लगने से मौत हो गई। इससे पहले सुबह से पति-पत्नी के बीच झगड़ा हो रहा था और पत्नी ने मायके से अपने भाई को बुला लिया था। इसके बाद झगड़ा और बढ़ गया था। सूचना पर एसओ, सीओ खैर और एसपी देहात मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने लाइसेंसी बंदूक को कब्जे में ले लिया और फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। देर रात तक घटना के संबंध में कोई तहरीर नहीं दी गई है।

मरने वाले कन्हैयालाल (32) गांव भदियार के रहने वाले थे और सीमा सुरक्षा बल दिल्ली में तैनात थे। वह गांव में मकान बनवा रहे थे और हर शनिवार को गांव आ जाते थे, रविवार को दिल्ली चले जाते थे। कन्हैयालाल का अपनी पत्नी प्रीति के साथ कुछ दिन से झगड़ा हो रहा था। रविवार की सुबह भी पत्नी से झगड़ा हो गया। इस पर प्रीति ने चंडौस क्षेत्र के गांव जोहरा स्थित मायके से भाई प्रमोद को बुला लिया।

चर्चा है कि प्रमोद के आने के कुछ देर बाद ही मकान के अंदर कमरे से गोली चलने की आवाज आई। मकान बनाने में जुटे मजदूर भागकर अंदर पहुंचे तो कन्हैयालाल खून से लथपथ पड़े थे। उनके पेट में गोली लगी थी। पास ही उनकी लाइसेंसी दोनाली बंदूक पड़ी थी। पत्नी और साला भी कमरे में थे। मजूदरों की सूचना पर बाहर काम पर गए परिवार वाले घर पहुंचे। तत्काल ही घायल जवान को जेवर के एक अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत से पुत्र शिवम, सत्यम सहित परिवार वालों का रोकर बुरा हाल था। पुलिस ने राजमिस्त्री से घटना के बारे में पूछताछ की।

अपनी ही लाइसेंसी बंदूक से लगी जवान को गोली

मृतक के भाई ने बताया है कि बीएसफ जवान कन्हैयालाल का अपनी पत्नी के साथ झगड़ा चल रहा था। इसी झगड़े में अपनी ही लाइसेंसी दोनाली बंदूक से पेट में गोली लगने से कन्हैयालाल घायल हो गया। परिवार वाले उसे जेवर के एक अस्पताल में ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना में सभी संभावनाओं पर पुलिस गहनता से जांच कर रही है। -पलाश बंसल, एसपी देहात

पति-पत्नी और साला ही था कमरे में मौजूद

कन्हैयालाल वर्ष 2015 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। रविवार की सुबह उनका छोटा भाई कृष्णा गांव में ही मनरेगा के तहत हो रहे काम पर चला गया। मां इमरती देवी व कृष्णा की पत्नी राधा देवी भी गांव निवासी एक किसान के खेतों में मूंग तोड़ने गए थे। मजदूर मकान बनाने में लगे थे। घर के अंदर जिस कमरे में घटना हुई वहां पर बीएसएफ जवान के साथ उनकी पत्नी और साला ही मौजूद था।

आए दिन की कलह ले गई जान, पेट में गोली लगने से उठे सवाल

परिजनों की माने तो पति-पत्नी के बीच कुछ दिनों से झगड़ा हो रहा था और वह इसे रोज की तरह ले रहे थे। मृतक के भाई कृष्णा के अनुसार उसके भाई-भाभी के बीच कुछ दिनों से झगड़ा चल रहा था, इसलिए उन्होंने इसे रोजाना की बात मान ली और सुबह ही परिवार के अन्य सदस्य अपने-अपने काम पर निकल गए। मकान बना रहे मजदूरों के जरिए खबर मिलने पर वह भागकर घर पहुंचे थे।आए दिन की यह कलह जवान कन्हैयालाल की जान ले गई। झगड़े की वजह का भी फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है।

जवान के पेट में गोली लगने पर सवाल उठ रहे हैं कि बंदूक किसके हाथ में थी। पुलिस का यह भी मानना है कि हो सकता है झगड़े के दौरान जवान ने अपनी लाइसेंसी बंदूक उठा ली हो और छीना झपटी में बंदूक से चली गोली उनके पेट में लग गई। हालांकि पुलिस दूसरी संभावनाओं पर जांच कर रही है। मिस्त्री और मजदूरों से भी पूछताछ की गई। फोरेंसिक टीम को बुलाकर भी घटना स्थल की जांच कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है, जिससे पता चल सके कि किस एंगिल और कितनी दूरी से गोली लगी।

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