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बिजली विभाग
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ की निधिवन कालोनी में आत्महत्या करने वाले 45 वर्षीय बनवारी लाल के परिवार को महकमा नौकरी की देने तैयारी में है। बृहस्पतिवार को जेई के पैतृक गांव में अंतिम संस्कार में शामिल होने दक्षिणांचल के एमडी व स्थानीय विद्युत अधिकारी पहुंचे। जहां इस विषय पर चर्चा के बाद सहमति बनी। हालांकि जेई की चार बेटियां अभी नाबालिग हैं, मगर पत्नी स्नातकोत्तर शिक्षित हैं। उन्हें यह नौकरी दी जा सकती है।
बता दें कि मथुरा के सुरीर थाना क्षेत्र के गांव भंडवारा के बनवारी लाल विद्युत महकमे में जेई के पद पर तैनात थे। वह जलाली सब स्टेशन के साथ-साथ गोकुलपुर सोनोंठ सब स्टेशन का जिम्मा भी संभाल रहे थे। बुधवार को उन्होंने निधिवन कालोनी में किराये के मकान में आत्महत्या कर ली। हालांकि आत्महत्या क्यों की, इसे लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं है। परिवार के अपने आरोप हैं, जबकि विभाग का अपना मत है। जेई के शव का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
जहां अलीगढ़ से एसई राघवेंद्र सिंह सहित तमाम अधिकारी शामिल होने पहुंचे। वहीं आगरा से दक्षिणांचल के एमडी आईएएस अमित किशोर भी अंतिम संस्कार में शामिल होने आए। एसई राघवेंद्र सिंह ने बताया कि इस दौरान परिवार से बातचीत हुई है। खुद एमडी स्तर से परिवार को सांत्वना दी गई है। जेई के सभी क्लेम व अन्य देयकों को जल्द से जल्द परिवार को दिया जाएगा।
इसके अलावा परिवार को नौकरी देने पर खुद एमडी स्तर से सहमति दी गई है। अभी यह परिवार से वार्ता के बाद ही तय होगा, कि कौन इसका पात्र बनेगा। मगर परिवार में अभी तक पात्र सदस्यों में से सिर्फ पत्नी ही इसके योग्य हैं।
जूनियर इंजीनियर संघ ने उठाई उच्चस्तरीय जांच की मांग
अलीगढ़ में जेई की मौत की खबर पर बुधवार देर रात राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संघ के केंद्रीय महासचिव जीबी पटेल यहां पहुंच गए थे। दिन में उन्होंने पूरे मामले में जानकारी जुटाने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों व संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता की। इसके बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को एक मांग पत्र भेजा, जिसमें अलीगढ़ और उससे तीन दिन पहले ललितपुर के जेई की मौत पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने मांग पत्र में कहा है कि जर्जर लाइनों के बीच अनवरत 24 घंटे आपूर्ति का दबाव, ओवरलोडिंग समाप्त करने के प्रस्ताव स्वीकृत न करने से हालात बेकाबू हैं। भंडार खंड खाली पड़े हैं। एक करोड़ प्रति उपकेंद्र राजस्व वसूली का दबाव अव्यवहारिक है। न होने पर कार्रवाई से जेई तनावग्रस्त हैं। वसूली के दौरान सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी काम लिया जा रहा है। ये सब परेशानी के कारण हैं। इन मामलों में प्रबंधन का रवैया बेहद खराब है। इसे लेकर अभियंता आक्रोशित हैं। अगर इनकी उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो फिर संघ किसी निर्णय को लेने को बाध्य होगा। साथ में इस तरह की कार्यप्रणाली पर तत्काल रोक लगाई जाए।
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