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मीडिया (प्रतीकात्क तस्वीर)
– फोटो : iStock
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में डिजिटल पत्रकारिता कोर्स शुरू हो गया है। यह पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष होगी। दो सेमेस्टर में पूरा किया जाएगा।
विभागाध्यक्ष प्रो. पीतबास प्रधान ने बताया कि डिजिटल युग में पत्रकारिता में डिजिटल कौशल की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। पाठ्यक्रम में 30 सीटें होंगी। प्रवेश परीक्षा के आधार प्रवेश दिए जाएंगे। पाठ्यक्रम में कोई भी स्नातक उत्तीर्ण छात्र-छात्रा दाखिला ले सकता है। पाठ्यक्रम से जुड़ी सारी जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
इसी कड़ी में जनसंचार विभाग में डाटा जर्नलिज्म पर कार्यशाला हुई। मुख्य वक्ता गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के डीन प्रो. उमेश आर्य ने बताया कि अपनी खबर को कैसे आंकड़ों के अनुसार सटीक बना सकते हैं। प्रो. पीतबास प्रधान ने कहा कि डेटा युग में सही डेटा को पहचानना और उसका सही उपयोग करना बेहद अहम है। इस मौके पर प्रो. शाफे किदवई, प्रो. अफरीना रिजवी, डॉ. हुमा परवीन, मोहम्मद अनस आदि मौजूद रहे।
प्रतिभागियों को बोल
यह कार्यशाला फायदेमंद साबित हुई है। पत्रकारिता का पहला कदम होता है फर्जी और असली खबरों में फर्क समझना।-बुशरा नाज, एमए मास कॉम
कार्यशाला से महत्वपूर्ण जानकारी मिली, जिससे वह अनजान थीं। डाटा जर्नलिज्म की कार्यशाला से आगे मदद मिलेगी।-सफ्फाना आरिफ, एमए मास कॉम
डाटा जर्नलिज्म जैसी कार्यशाला होनी चाहिए। डिजिटल युग में डाटा जर्नलिज्म के बारे में जानकारी होनी चाहिए। -अर्सलान, शोधार्थी मास कॉम
गूगल डाटा शीट पर कैसे काम करना है। डाटा का विश्लेषण, फर्जी और असली के बारे में जानकारी हासिल की। -काजी शीराज, शोधार्थी मास कॉम
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