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आत्महत्या
– फोटो : Amar Ujala
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अलीगढ़ महानगर के महुआखेड़ा क्षेत्र की कुलदीप विहार कालोनी में किराये के मकान में रहने वाले आटा चक्की संचालक ने फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। उसके द्वारा यह कदम उठाए जाने के मूल में व्यापार में मंदा और कर्ज में डूबना बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया और परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
कुलदीप विहार में किराये के मकान में रहने वाले 28 वर्षीय कैलाश के माता-पिता बगल में ही सर्वोदय विला में रहते हैं। कैलाश अपनी पत्नी पिंकी के साथ किराये पर रहता था। सोमवार शाम पिंकी किसी काम से बेटी को लेकर मायके गई थी। देर शाम जब लौटी तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी प्रयास के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो दूसरे मकान के रास्ते से छत पर पहुंची। वहां से अंदर झांककर देखने पर पता चला कि कैलाश का शव फंदे पर लटका हुआ है।
इस पर तत्काल पुलिस व अन्य परिजनों को बुलाया गया। कैलाश को पास के ही नर्सिंग होम में ले जाया गया। मगर उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस पर पुलिस ने मंगलवार को शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया। इधर, कैलाश के परिवार के अनुसार लॉक डाउन के पहले तक कैलाश ने फाइनेंस पर छोटे-चार पहिया वाहन लेकर स्कूलों में लगा दिए थे। बच्चों को लाने-ले जाने का काम करता था। लॉकडाउन में काम बंद होने पर फाइनेंस के चलते वाहन जब्त कर लिए गए। बाद में उसने 1.20 लाख रुपये की लॉटरी उठाई थी। उक्त लॉटरी को भी बाद में वह भर नहीं पाया। इस पर लॉटरी संचालक लगातार उसे परेशान कर रहा था।
इसी बीच उसने कुछ प्रयास कर आटा चक्की खोल ली। वहां से भी अभी उबर नहीं पा रहा था। मगर लॉटरी संचालक उस पर सात लाख रुपये तगादा बनाकर दबाव बना रहा था। इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली। बताया गया है कि कैलाश का पहली पत्नी से संतान न होने पर तलाक हुआ था। इसके बाद उसने दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी से भी संतान न होने पर उसने छह माह पहले बेटी गोद ली थी। इंस्पेक्टर महुआखेड़ा विजय सिंह के अनुसार मामले में कर्ज के चलते आत्महत्या की बात परिवार की तरफ से आई है। बाकी जो तहरीर मिलेगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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