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नवजात प्रतीकात्म्क
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ महानगर के स्वर्ण जयंती नगर कालोनी में राज्यकर्मचारी कालोनी के सामने खाली प्लाट की झाड़ियों में बुधवार शाम महिला को एक नवजात बच्चा पड़ा मिला। महिला इस बच्चे को अपने घर ले गई। मगर बृहस्पतिवार सुबह तक खबर कालोनी में फैल गई और पुलिस बुला ली। महिला पहले तो बच्चे को किसी को न देने की जिद पर अड़ी रही। बाद में पुलिस के दखल पर बच्चा चाइल्ड लाइन
को सौंपा गया। अब उसे महिला अस्पताल में भरती कराया है। जहां उसका परीक्षण चल रहा है।
घटनाक्रम के अनुसार मिठाई विक्रेता की दुकान पर कार्यरत जयप्रकाश की पत्नी लता गली नंबर तीन किशनपुर में रहती है। शाम दूध लेकर लौटते समय उसे राज्य कर्मचारी कालोनी के सामने वाली गली में एक खाली प्लाट में झाड़ियों में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। इस पर महिला ने झांककर देखा तो कपड़े में लिपटा बच्चा बिलखता दिखा। देखने से बच्चा नवजात यानि 24 घंटे पहले जन्मा लग रहा था। वह उस बच्चे को चुपचाप घर ले गई और वहां नहला-धुलाकर देखभाल शुरू कर दी।
मगर यह खबर बृहस्पतिवार सुबह तक पूरे इलाके में फैल गई। लोग उसे समझाने लगे कि इस तरह बच्चे को मत रखो। मगर वह जिद पर अड़ गई और बच्चे को खुद ही पालने का ऐलान कर दिया। दोपहर तक उसे समझाने का प्रयास किया गया। जब नहीं मानी तो किसी ने पुलिस को खबर दे दी। इस सूचना पर क्वार्सी पुलिस मौके पर आई और बच्चे के विषय में जानकारी की। पूछताछ के बाद बच्चा कब्जे में लेकर पुलिस ने चाइल्ड लाइन की टीम बुलाकर बच्चा टीम को सौंप दिया। तत्काल बच्चे को महिला अस्पताल के बच्चा वार्ड की नर्सरी में भरती कराया गया।
जहां उसकी जांच पड़ताल व देखभाल जारी है। इधर, बृहस्पतिवार को दिन भर जब महिला को समझाया जा रहा था, तो वह किसी को बच्चा देखने तक नहीं दे रही थी। इस दौरान शोर मच गया कि कहीं महिला ने बच्चा बेच तो नहीं दिया। तमाम लोग वहां आ गए और उसे तरह-तरह के ऑफर करने लगे। चूंकि महिला खुद नौ बेटियों और एक बेटे की मां है। इसलिए इस बच्चे को अपने दूसरे बेटे के रूप में पालने की जिद पर अड़ गई। मगर शोर मचने के चलते पुलिस के आने पर उसके अरमान टूट गए।
प्रकरण में पुलिस की सूचना पर हमने बच्चा प्राप्त किया है। वह देखने से 24 घंटे पूर्व जन्मा लग रहा है। अब तक की जांच में बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पाया गया है। किसी तरह की परेशानी नहीं है। महिला उसे खुद रखने की जिद पर थी। मगर ये नियमत: संभव नहीं है। बच्चे को मेडिकल जांच की प्रक्रिया के बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। समिति के निर्देशानुसार उसे आगरा बाल गृह भेजा जाएगा। रहा सवाल इसको किसी को सौंपने का तो इसका निर्णय आवेदन और उसकी पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही हो सकेगा। -ज्ञानेंद्र मिश्रा, निदेशक चाइल्ड लाइन
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