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परिवार के साथ कुंजलता
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
यूपीपीएससी में डीएसपी, डीपीआरओ, नायब तहसीलदार चुने जाने के बाद भी अभी और उड़ान बाकी है। अलीगढ़ के मालवीय पुस्तकालय में सिवलि सर्विसेज मार्गदर्शिका से पढ़कर चुने गए अभ्यर्थियों को खुशी है, पर उनके कदम अभी रूकेंगे नहीं। अभी उनकी और भी चाहतें हैं, जिसके बारे में उन्होंने अमर उजाला को बताया।
किसान की बेटी बनी डीएसपी
अलीगढ़ के मथुरा रोड स्थित भकरौला गांव के किसान हेमपाल सिंह की पुत्री कुंजलता उर्फ गुंजन ने यूपीपीएससी में पांचवे प्रयास में 55वीं रैंक पाकर डीएसपी का पद प्राप्त किया है। कुंजलता पांच बहन और तीन भाईयों में से एक हैं। उन्होंने डीएस कॉलेज से एमएससी गणित तक शिक्षा प्राप्त की। कुंजलता ने बताया कि परीक्षा में सफल होने के लिए आठ से दस घंटे रोजाना पढ़ाई की। कुंजलता डिप्टी कलेक्टर के लिए आगे प्रयासरत रहेंगी।
कभी आठ, तो कभी 16 घंटे तक पढ़कर पाई सफलता
अलीगढ़ के विसावनपुर सिल्ला के नगला धर्मपुर के सतीश कुमार दीक्षित के यहां जन्मे विश्वास दीक्षित ने यूपीपीएससी में तीसरे प्रयास में 27वीं रैंक पाकर नायब तहसीलदार पद प्राप्त किया। उनके पिताजी छह भाई सभी एक साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं। सभी मिलकर संघर्ष कर समाज में अलग स्थान बनाया है। उनकी माता रचना दीक्षित के आशीर्वाद से विश्वास ने रसायन शास्त्र में एमएससी की और यूपीपीएससी की तैयारी में लग गए। हिंदी माध्यम से भूगोल वैकल्पिक विषय लेकर परीक्षा उतीर्ण की। विश्वास ने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग में एसडीएम का पद प्राप्त करना उनका सपना है।
डीपीआरओ बनीं, पर सपना है आईएएस बनने का
अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया उपाध्याय ने घनश्याम उपाध्याय के यहां जन्म लिया। उन्होंने चौथे प्रयास में जिला पंचायत राज अधिकारी पद हासिल किया है। उनके परिवार में पिता, तीन भाई और भाभी हैं। उन्होंने बताया कि बीएससी गणित से उतीर्ण की, फिर रोजाना कम से कम आठ घंटे की रेगुलर पढ़ाई की, तब जाकर यूपीपीएससी की परीक्षा उतीर्ण की। श्रेया उपाध्याय का आईएएस बनने का सपना है।
बनना है एक दिन डिप्टी कलेक्टर
सहारनपुर के सर्किट हाउस रोड की रहने वाली दीक्षा उपाध्याय के पिता बृजराज उपाध्याय की हार्ट अटैक से 2007 में मृत्यु हो गई, उस समय दीक्षा चौथी कक्षा में पढ़ती थी। हाथरस के सादाबाद से सीबीएसई बोर्ड से बारहंवी पास की। आगरा यूनिवर्सिटी से बीए की। दीक्षा ने तीसरे प्रयास में परीक्षा उतीर्ण कर दिखाई। उनके परिवार में माताजी, बड़ी बहन है। बड़ी बहन सहारनपुर में लेखपाल है। दीक्षा ने बताया कि रोजाना आठ से नौ घंटे तक नियमित पढ़ाई की और जिला दिव्यांग जन सश्कितकरण अधिकारी का पद प्राप्त किया। अभी वह अपनी तैयारी जारी रखेंगी, डिप्टी कलेक्टर बनना उनका सपना है।
घंटे के हिसाब से नहीं टार्गेट को ध्यान में रखकर की पढ़ाई
अलीगढ़ में इगलास के कृष्णा धाम कॉलोनी की रहने वाली प्रतीक्षा कटारा के परिवार में दादा-दादी, पिता देवेंद्र कटारा, चाचा-चाची, दो बहन और एक भाई है। प्रतीक्षा ने बीएससी, डीएलएड की पढ़ाई की और 2021 में यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनी। उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीपीएससी परीक्षा पास कर नायब तहसीलदार का पद हासिल किया। प्रतीक्षा ने बताया कि परीक्षा की तैयारी घंटों के हिसाब से न करके रोजाना टार्गेट को ध्यान में रखकर पढ़ाई की। अभी डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना है, जिसके लिए तैयारी जारी रहेगी।
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