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ईंट भट्ठा।
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ जिले में अवैध रुप से संचालित 150 ईंट भट्ठों पर स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बंदी आदेश के बाद भी भट्ठे संचालित करने पर 6.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। लखनऊ मुख्यालय ने 3.50 करोड़ रुपये का जुर्माना भट्टा संचालकों पर लगा दिया है। इसकी वसूली के निर्देश जारी किए गए हैं। शेष तीन करोड़ रुपये का जुर्माना अधिरोपित करने की प्रक्रिया अभी जारी है।
एनजीटी ने जनपद में वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए हाईड्रा ड्राफ्ट एवं जिगजैग तकनीक वाले ईंट भट्ठे संचालित करने के आदेश दिए थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भट्ठों को बंदी आदेश जारी किया था। साधारण ईंठ भट्ठों के संचालन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी 150 ईंट भट्टा संचालकों ने संचालन जारी रखा था। जांच में स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने पर भट्ठों के खिलाफ 6.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने को संस्तुति कर दी। इसमें 3.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया गया है।
जुर्माना अधिरोपित होने पर अतरौली, खैर, गभाना, कोल एवं इगलास तहसील क्षेत्र के ईंट भटट्टा संचालकों में खलबली मच गई है। भट्टा संचालकों ने पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जमा नहीं की तो मामला सीबीआई कोर्ट लखनऊ में जाएगा। वहां से गिरफ्तारी वारंट भी जारी होने के प्रावधान हैं। इसके अलावा बोर्ड मुख्यालय ने आरसी जारी कर वसूली करने के निर्देश दिए हैं। वसूली नहीं हुई तो संपत्ति से जुर्माने की भरपाई की जाएगी। इसके अलावा जनपद में वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों पर भी सख्ती होगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीमेंट इकाईयों की निगरानी करेगा। साइडिंग पर उतरने वाले सीमेंट के दौरान होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी ने आदेश जारी कर रखा है। हरदुआगंज एवं जवां क्षेत्र में तीन सीमेंट इकाईयां संचालित हो रही है, लेकिन वहां पर वायु प्रदूषण निवारण के बंदोबस्त साइडिंग पर नहीं किया गया है।
जिले में बंदी आदेश के बाद संचालित अवैध 150 ईंट भट्ठों पर 6.50 करोड़ रुपये का जुर्माना अधिरोपित करने की संस्तुति की गई है। जिसमें 3.50 करोड़ रुपये का जुर्माना अधिरोपित हो चुका है। शेष जुर्माना प्रक्रियाधीन है। वायु एवं जल प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिले में संचालित सीमेंट इकाईयां भी मानक का पालन नहीं कर रही हैं। साइडिंग पर वायु प्रदूषण मिला है। ऐेसे में अब उनकी सतत् निगरानी की जाएगी। – डॉ. जेपी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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