Aligarh News: प्रेम मूर्ति पूज्य दीपक महाराज की कथा में हुआ राम गुणगान, कहा मन की व्यथा को हरती है श्रीराम कथा

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Ram was praised in the story of Premmurti Pujya Deepak Maharaj

विधायक अनिल पाराशर और प्रेम मूर्ति पूज्य दीपक महाराज
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

प्रेम मूर्ति पूज्य दीपक महाराज जी ने कहा कि श्रीराम की कथा मन की व्यथा को हरती है। जीवन का उद्धार करती है। इसलिए कथा का अनुसरण जरूर करना चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु श्रीराम का आचरण सबसे उच्च कोटि का है  उनके आचरण तक कोई नहीं पहुंच पाया है। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम कहा जाता है। बाल स्वरूप भगवन राम अपने माता पिता को  प्रतिदिन सुबह प्रणाम करते थे। फिर उनकी आज्ञा लेकर कार्य करते थे।

 

कथा व्यास ने माता पार्वती और भगवान शिव की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। पूज्य दीपक महाराज ने कहा कि माता पार्वती ने हजार वर्ष तपस्या की। इसके बाद भगवान भोलेनाथ का वरण किया। भोले के बारात में भूत पिचाश सब बाराती थे। सर्पों से उनका श्रंगार किया गया। बिच्छू का कुंडल बनाया और फिर बरात चल पड़ी। भगवान भोलेनाथ के स्वरूप को देखकर माता पार्वती की मां मैना बेहोश हो गईं। उन्होंने कहा की मेरी बेटी के लिए ये कैसा वर है। मगर, माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से विवाह किया। 

कथा व्यास ने कहा कि पार्वती माता से हम सब को सीख लेनी चाहिए उन्हें पता था कि भगवान भोलेनाथ भले ही भभूत लपेट  कर बरात में आ गए हैं। लेकिन दुनिया के सबसे ज्ञानी और विद्वान भगवान भोलेनाथ हैं वो परम राम भक्त हैं। इसलिए आज की बेटियों को भी विवाह के समय कोई भी निर्णय सोच समझ कर लेना चाहिए। अपने माता-पिता के आदेश के बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। कई बार अपने मन से निर्णय लेते हैं तो उन्हें घातक कदम उठाना पड़ जाता है। कथा संस्कार देती है। कथा सीख देती है, कथा जीवन में संस्कार लाती है। इसलिए शहर से लेकर गांव तक सभी जगह प्रभु श्रीराम की कथाएं होती हैं। 

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कोल विधायक अनिल पाराशर भी कथा में पहुंचे। उन्होंने कहा की प्रभु श्रीराम हमारे जीवन के आधार  हैं। हम लोगों ने श्री राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। मगर, पीएम मोदी और सीएम योगी की बदौलत अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 

उन्होंने कहा की राम जीवन के आधार हैं। जीवन के हर पहलु में राम हैं। इसलिए राम को कभी नहीं भूले। पार्षद और वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सेंगर ने भी महाराज जी को माल्यार्पण किया। मुख्य यजमान रमेश चंद्र सिंह पत्नी सुशीला सिंह, वीरेंद्र सिंह, पत्नी ने व्यास पूजन किया। इस दौरान बंटी जादौन, बंटी यादव, भगवान स्वरूप आदि मौजूद थे।

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