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ऊपरकोट पर बहुजन समाज पार्टी द्वारा मेयर प्रत्याशी सलमान शाहिद के समर्थन में जनसभा
– फोटो : अमर उजाला
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बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के प्रभारी के प्रभारी नेता इमरान मसूद ने कहा कि मुस्लिम नेताओं के लिए समाजवादी पार्टी कत्लगाह बन चुकी है। सपा के कार्यालय पर अलीगढ़ का ताला लगेगा। मुस्लिमों को बसपा में जाना पड़ेगा, क्योंकि मुस्लिमों के लिए बसपा ही विकल्प है।
महानगर के ऊपरकोट में महापौर पद के बसपा प्रत्याशी सलमान शाहिद के समर्थन में हुई जनसभा में इमरान मसूद ने कहा कि सलमान शाहिद ने सपा छोड़कर अच्छा फैसला लिया है, क्योंकि जरा-सा जमीर वाला अखिलेश यादव के साथ नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि सब कुछ छोड़कर वह सपा में गए थे, क्योंकि मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा था, उसे रोकने के लिए सपा की सरकार बने। सरकार को जरूरत अब्दुल की है, मगर सरकार की जरूरत अखिलेश को नहीं है।
इमरान ने कहा कि हम पर फर्जी मुकदमे लगते हैं। घर का दरवाजा टूटता है। तबाही ने हमारा रास्ता देखा है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर सपा की सदस्यता ली थी, उस दिन लखनऊ गया था। बलिया से लेकर लखनऊ अखिलेश भैया के नाम पर जवानी कुर्बान हो रही थी, लेकिन जहां जवानी कुर्बान हो रही थी, वहां कमल खिल रहा था। सपा की हैसियत 111 की है। इससे काम नहीं चलने वाला है। काम 203 से चलेगा। अगर हमने और आपने उस समय नीला झंडा थामा होता तो प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती होतीं।
समीकरणों की सियासत तादाद से चलती है। गले लगाने को कोई तैयार नहीं है। यह दर्द बसपा समझ रही है। उन्होंने कहा कि जब-जब कयादत कमजोर पड़ेगी, तब-तब आपको (मुस्लिम) नुकसान उठाना पड़ेगा। दलित और मुस्लिम साथ चलेगा, तभी अगड़ा-पिछड़ा राज करेगा। जब यह गठजोड़ मजबूत होगा तो फिरकापरस्ती ताकतें हारेंगी। उन्होंने सलमान शाहिद और पार्षद पद के बसपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की।
आजम की बर्बादी में अखिलेश का हाथ
बसपा नेता इमरान मसूद ने अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि वह दाढ़ी और टोपी वालों के लिए जलसा नहीं करते हैं, बल्कि उनके पास आते हैं। यह तो वोट देते हैं, लेकिन दूसरा वोट कहां हैं, जिसकी दरकार हमें है। उन्होंने कहा कि अगर नहीं चेते तो अखिलेश यादव आपके रहबरों को नहीं छोड़ेंगे। आजम खान के आंख से टपकते हुए आंसू, लरजते होंठ से निकलती हुई आवाज आजम खां की बर्बादी की ओर इशारा करती है। उनकी बर्बादी में योगी सरकार से ज्यादा अखिलेश यादव का हाथ है। अखिलेश यादव को बोलता मुसलमान नहीं, पैर पकड़ता हुआ मुसलमान चाहिए।
ये रहे मौजूद
जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्रा, अरविंद आदित्य, रतन दीप सिंह, सूरज सिंह, अशोक सिंह, रणवीर सिंह, विजेंद्र विक्रम, रजिया खान, आरिफ बॉबी, मोहम्मद बिलाल, सुरेश चंद्र गौतम, जितेंद्र राही आदि
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