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उम्रकैद की सजा (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
अलीगढ़ में टप्पल के गांव सालपुर में पांच वर्ष पूर्व ग्रामीण महिला और उसके करीबी वैद्य की हत्या के मुकदमे में दोषी युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला सत्र न्यायाधीश डा.बब्बू सारंग की अदालत से सुनाया गया है। बता दें कि दोषी करार दिया गया युवक मृत महिला की बेटी के साथ पढऩे वाला दोस्त था। इस घटना को अंजाम देने के बाद उसने मथुरा जाकर वैद्य के भाई को भी गोली मारी थी। फिर खुद टप्पल थाने आकर समर्पण किया था।
अभियोजन अधिवक्ता डीजीसी फौजदारी चौ.जितेंद्र सिंह के अनुसार घटना 9 अप्रैल 2018 की सुबह चार बजे की है। वादी मुकदमा गांव सालपुर के चौकीदार नानक सिंह ने टप्पल में तहरीर व सूचना दी। जिसमें कहा गया कि गांव सालपुर में अपनी ननिहाल में मकान बनाकर रह रहे विजय सिंह की पत्नी यशोदा देवी व उनके यहां अक्सर आने वाले वैद्य प्रताप उर्फ डिंपल निवासी जेवर गौतमबुद्ध नगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। फायरिंग की आवाज सुनकर जब वे दौड़े तो गांव सालपुर के ही प्रवेश को तमंचा हाथ में लिए भागते देखा। बाद में आरोपी ने थाने आकर हत्या में प्रयुक्त तमंचे सहित समर्पण किया। मुकदमे में पुलिस स्तर से चार्जशीट दायर की गई। साक्ष्यों व गवाही के आधार पर अदालत ने प्रवेश को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 55 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।
बेटी से दोस्ती तुड़वाने पर दिया घटना को अंजाम
अभियोजन अधिवक्ता डीजीसी चौ.जितेंद्र सिंह के अनुसार मामले में पुलिस विवेचना, आरोपी के बयान व मृत यशोदा के पति विजय व बड़ी बेटी के बयानों से यह तथ्य उजागर हुआ था। विजय सिंह मूल रूप से हरियाणा पलवल हसनपुर नगला सहदेव का रहने वाला है। लंबे समय से विजय सिंह पत्नी व पांच बेटियों को लेकर ननिहाल सालपुर में आकर बस गया। यहां राजमिस्त्री का काम करने लगा। आर्थिक तंगी के चलते विजय की पत्नी की तंत्र मंत्र करने वाले वैद्य प्रताप से मुलाकात हुई। इस बीच प्रताप व उसके भाई प्रभात उर्फ मोनू का यहां अक्सर आना जाना शुरू हो गया। इधर, विजय सिंह की बड़ी बेटी स्नातक की पढ़ाई कर रही थी और जट्टारी कोचिंग जाती थी। इस दौरान गांव का प्रवेश भी उसके साथ जाता था। प्रवेश से बेटी की दोस्ती उसकी मां को अच्छी नहीं लगती थी।
इस पर विजय की पत्नी ने वैद्य प्रताप व प्रभात से कहकर प्रवेश को धमकाया था और खुद अपनी बेटी को उसके साथ आने जाने से रोक लिया था। इस बात से प्रवेश नाराज हो गया। घटना से पहली रात वैद्य प्रताप विजय सिंह के घर पर ही सोया हुआ था। यह जानकारी प्रवेश को हो गई। इसी गुस्से में उसने सुबह चार बजे घर में एक चारपाई पर सोते वैद्य प्रताप व दूसरी पर सोती महिला यशोदा की हत्या कर दी। फायरिंग की आवाज पर जब विजय सिंह व उसकी बेटी जागे तो दोनों ने प्रवेश को भागते देखा। खुद विजय सिंह व उसकी बेटी ने अदालत में अपने बयानों में भी यह बात उजागर की।
सालपुर के बाद बाजना पहुंच मारी थी गोली
इस घटना को गांव सालपुर में अंजाम देने के बाद प्रवेश यहां से सीधे मथुरा के बाजना पहुंचा था। जहां अपने काम वाले ठिकाने पर सो रहे वैद्य प्रताप के भाई प्रभात उर्फ मोनू को गोली मारी। गोली उसके जबड़े में लगी थी और उसे आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया था। उस घटना का मुकदमा प्रवेश पर मथुरा में विचाराधनी है। वहां से फिर टप्पल थाने आकर उसने समर्पण किया था।
थाने में स्वीकारा था पूरा घटनाक्रम
समर्पण के बाद जब प्रवेश से पुलिस पूछताछ हुई तो उसने पूरा घटनाक्रम स्वीकारा था। उसने मृतक वैद्य को लेकर तमाम गंभीर व आपत्तिजनक आरोप भी लगाए थे। कहा था कि इसी गुस्से में उसने इस घटना को अंजाम दिया है।
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