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विद्युत कर्मचारी संयुक्त सघर्ष समिति द्वारा घोषित 72 घंटे की हड़ताल रविवार दोपहर 3 बजे 64 घंटे बाद जाकर खत्म हुई। मगर इससे पहले रविवार तड़के तीन बजे से हुई बारिश ने जिले भर में ब्लैकआउट कर दिया। शहर के 29 में से 25 बिजलीघर बंद हो गए और जिले में पहले से आधे बिजलीघर बंद थे। बारिश के बाद शेष ज्यादातर बिजलीघरों में फाल्ट से आपूर्ति ठप हो गई। कुल मिलाकर सुबह होते-होते पूरा जिला बिना बिजली के हो गया। चारों ओर हाहाकार के हालात मच गया। दिन निकलते ही घरों में पानी का संकट गहरा गया। हालांकि दोपहर में हड़ताल टूटने के बाद धीरे-धीरे आपूर्ति बहाल हुई और शाम आठ बजे के बाद आपूर्ति सुचारू हो सकी। इस तरह जिले में 15 से 16 घंटे का बिजली संकट रहा।
निचले स्तर के कर्मचारी से लेकर अधिशासी अभियंता तक के अधिकारी 14 मार्च को कार्य बहिष्कार कर काम से अलग हुए और 15 मार्च से हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान पहले दिन जिले के देहात क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति गड़बड़ाने लगी। पहले दिन एक दर्जन, दूसरे दिन दो दर्जन और तीसरे दिन जिले में 45 फीडर बंद हो गए। हड़ताल के चौथे दिन आने से पहले शनिवार रात तीन बजे हुई बारिश ने हालात ज्यादा बिगाड़ दिए।
शहर के 25 सब स्टेशन ब्रेकडाउन में चले गए और देहात में स्थिति और ज्यादा खराब हो गई। दिन निकलते ही जानकारी करने पर पता चला कि शहर के हर इलाके में आपूर्ति बंद है। सिर्फ लालताल, घंटाघर, क्वार्सी सहित चार सब स्टेशनों में आपूर्ति जारी थी। बाकी सभी की 33 व 11 केवी लाइन में ब्रेकडाउन थे। कलेक्ट्रेट व बिजली के कंट्रोल रूम में दोपहर तक 300 से ज्यादा फाल्ट की शिकायतें थीं। शहर भर में पानी का संकट गहरा गया।
हालात ये थे कि विक्रम कॉलोनी, स्वर्ण जयंती नगर, दुर्गाबाड़ी, बेगपुर, एकता नगर, मैरिस रोड, दोधपुर, जीवनगढ़, सुरेंद्र नगर, गुलर रोड, रामघाट रोड, सर सैय्यदनगर, समद रोड, सुदामापुरी, निरंजनपुरी, ज्ञान सरोवर, मानसरोवर, क्वार्सी, मांमू भांजा, सराय हकीम, शताब्दीनगर, नौरंगाबाद, रावण टीला, बन्ना देवी, किशोर नगर, किला रोड, शमशाद मार्केट, जमालपुर, रोरावर, ऊपरकोट, बाराद्वारी, रेलवे रोड आदि इलाकों में अंधेरा कायम था और बिना बिजली के पानी की जरूरत सहित अन्य दैनिक कार्य बंद थे। दिन भर में 5000 से अधिक कॉल आए। हालांकि तीन बजे हड़ताल खत्म होने के बाद विद्युत टीमों ने काम शुरू किया और शाम आठ बजे आते आते आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त हो सकी।
सुबह से हालात बेहद खराब थे। तीन बजे से शहर भर अंधेर में डूबा रहा। मगर कोई तरीका काम नहीं कर रहा था। दोपहर में हड़ताल खत्म होने के बाद टीमों ने लगकर काम किया और शाम होते होते व्यवस्था दुरुस्त हुई है। -एसके जैन, अधीक्षण अभियंता, नगर क्षेत्र
सरकार से समझौता, अब काम शुरू
आंदोलन समिति के संयोजक अधिशासी अभियंता राहुल बाबू कटियार ने बताया कि जो भी कार्रवाई अब तक हुई हैं, उनकी वापसी व हमारी मांगों पर विचार कर उनके निस्तारण का भरोसा मिला है। दोपहर बाद हड़ताल खत्म कर काम शुरू किया गया और देर शाम शहर की सभी आपूर्ति शुरू कर दी गईं।
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